ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। कोविड महामारी सिनेमा इंडस्ट्री के लिए एक बुरे सपने जैसी थी। उस दौर में थिएटर्स बंद होने के कारण कई फिल्मों का भविष्य अधर में लटक गया था तो कई ने ओटीटी पर राह तलाशी। जाने-माने फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा ने उस दौर की अपनी सभी फिल्मों सम्राट पृथ्वीराज, जयेशभाई जोरदार, बंटी और बबली, संदीप और पिंकी फरार, शमशेरा, द ग्रेट इंडियन फैमिली को लंबे इंतजार के बाद भी थिएटर में ही रिलीज किया लेकिन ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई। अब आदित्य चोपड़ा की पत्नी एक्ट्रेस रानी मुखर्जी ने उस बारे में खुलकर बात की है। मुंबई में चले तीन दिवसीय फिक्क ी फ्रेम्स 2024 इवेंट में रानी ने कहा कि वह दौर उनकी कंपनी के लिए काफी निराशा भरा था लेकिन फिर ‘पठान’ की सफलता ने सब कुछ बदल दिया।
ओटीटी पर अपनी फिल्म लेकर नहीं लाए
रानी ने उस दौर की बात करते हुए कहा, ‘कोविड के दौरान जब फिल्म इंडस्ट्री में मुश्किल दौर चल रहा था, हमारी कई फिल्में भी कोविड से पहले अनाउंस थीं। उन्हें रिलीज करने का दबाव भी था। बहुत बड़ी-बड़ी फिल्में ओटीटी पर रिलीज हो रही थीं। तब भी मेरे पति एकदम शांत और सहज थे। उनका मानना था कि ये फिल्में थिएटर के लिए बनी हैं और उन्हें थिएटर में ही रिलीज होना चाहिए। उन्हें भरोसा था अपनी फिल्मों पर। उन्हें इन फिल्मों को ओटीटी पर रिलीज करने के लिए बहुत सारा पैसा मिल रहा था लेकिन मेरे पति (आदित्य चोपड़ा) ने बड़ा फैसला लिया कि मैं अपनी फिल्में ओटीटी पर रिलीज नहीं करूंगा।
मुझे सिनेमा की ताकत पर भरोसा है मगर जब ये फिल्में आईं, सारी ही फ्लॉप रहीं क्योंकि कोविड के बाद लोगों के कॉन्टेंट देखने का तरीका बदल चुका था। पूरा डिप्रेशन वाला माहौल था, हमारी कंपनी में सभी दुखी थे लेकिन फिर ‘पठान’ आई और सबकुछ बदल गया। वो कहते हैं न कि भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है।