ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चुनाव के दौरान राजनीतिक दल चुनाव आयोग में अपनी शिकायतें दर्ज करवाते हैं। इन आम चुनावों में चुनाव आयोग के एप सी विजिल के जरिए लोगों की भी भागीदारी देखने को मिली है। आयोग का कहना है कि आम चुनाव की घोषणा से लेकर अब तक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर लोगों ने 15 मई से अब तक 4.24 लाख शिकायतें दर्ज करवाई हैं। इनमें 99.9 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया गया। करीब 89 फीसदी शिकायतें ऐसी रहीं, जिन्हें 100 मिनट के अंदर ही सुलझा लिया गया।
ऐसी शिकायतें मिलीं
इसमें समय सीमा के बाद लाउडस्पीकर चलाना, प्रचार खत्म होने के बाद भी प्रचार करना, बिना इजाजत के पोस्टर और बैनर लगाना से लेकर डराना धमकाना तक शामिल था। इस एप में दर्ज हुई शिकायतों के आधार पर देखें तो 2883 शिकायतें स्पीकर के इस्तेमाल और सांप्रदायिक भाषणों से जुड़ी थीं। 4742 शिकायतें प्रतिबंधित समय में प्रचार करने से जुड़ी थीं। 2697 शिकायतें ऐसी थीं, जो बिना इजाजत वाहन और काफिले के मूवमेंट को लेकर थी। कैश, शराब और फ्रीबीज से जुड़ी शिकायतों की संख्या 7022 थी। करीब 324,228 शिकायतें पोस्टर और बैनर के बिना इजाजत इस्तेमाल को लेकर थीं। डराने और धमकाने को लेकर भी 2430 शिकायतें दर्ज करवाई गईं।
एप कैसे काम करता है
सी विजिल यूजर फ्रेंडली एप है जो नागरिकों को डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम्स से कनेक्ट करता है। इससे वो रिटर्निंग ऑफिसर और फ्लाइंग स्क्वॉड टीम के संपर्क में आते हैं। जैसे ही सी विजिल एप पर शिकायत सामने आती है, शिकायतकर्ता को एक यूनीक आईडी मिलेगी, जिससे शिकायत के निपटारे की ट्रैकिंग वो अपने मोबाइल के जरिए ही कर सकते हैं। इसमें यूजर्स ऑडियो, फोटो और विडियो रियल टाइम में खींच सकते हैं। जैसे ही चुनाव उल्लंघन की किसी घटना को लेकर फोन का कैमरा ऑन होता है, तो उसके बाद जिओ टैगिंग अपने आप काम करने लग जाती है। फ्लाइंग स्क्वॉड को लोकेशन के बारे में जानकारी मिल जाती है। शिकायतकर्ता अपना नाम दिए बगैर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।


















