ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। कभी सोचा है कि लोग कामयाबी पाने के लिए इतने जुनूनी क्यों होते हैं। दरअसल, लोगों में यह धारणा है कि सफलता से खुशी मिलती है। पर हकीकत में ऐसी खुशी लंबे कम टिकती नहीं है। येल यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के विशेषज सैमुअल टी विल्किनसन कहते हैं, इंसान यह पता लगाने में कमजोर है कि स्थायी खुशी किस चीज से मिलेगी।
खुद पर ज्यादा फोकस करने से रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में जानना जरूरी है कि खुशियां टिकेंगी कैसे। रिश्तों को गंवाकर मिली उपलब्धि खोखली होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरों की मदद करने से खुशी का स्तर बढ़ने लगेगा।
– लंबे वक्त तक टिकेगी खुशी, जीने की उम्मीद भी बढ़ाएगी
यह सोच अच्छी नहीं कि तारीफ और कामयाबी से इंसान को संतुष्टि और खुशी मिलेगी। कई बार यह सोच गलत निकलती है। मनोवैज्ञानिक थ्योरी के अनुसार, हम अक्सर अपनी मूल स्थिति पर आ जाते हैं, चाहे हमारी शुरुआती भावनात्मक प्रक्रिया कुछ भी हो, खुशी का सार वैसा ही रहता है। यानी खुशी के पीछे लगातार भागने से सच्ची खुशी नहीं मिलती।
हर रिश्ता अहम नहीं
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सक रहे आलैंड निकोली कहते हैं कि लोग सोशल मीडिया रिलेशंज को आम रिश्तों की तरह महत्व देते हैं। पर ये रिश्ते जंक फूड की तरह हैं, यानी स्वाद में अच्छे, पर न्यूट्रीशन वैल्यू में जीरो हैं। इसलिए व्यक्तिगत रिश्तों को अहमियत देना जरूरी है। रिश्ते गंवाने के बाद कोई कामयाबी मिलती है तो वह खोखली साबित होती है।
ऐसे बढ़ेगी खुशी
भौतिक चीजें और उपलब्धियां खुशी थोड़े वक्त के लिए बढ़ा सकती है, पर इनका असर कुछ हफ्तों में घट जाता है। गर्मजोशी से भरा रिश्ता खुशी का स्तर स्थायी रूप से बढ़ा सकता है। मनोवैज्ञानिक मार्टिन सेलिगमैन कहते हैं, अच्छे रिश्ते जीवन के उतार-चढ़ाव का बेहतर इलाज हैं।
पाने से ज्यादा संतुष्टि देने में
प्रो. विल्किनसन का कहना है कि दूसरे की मदद करने से ज्यादा खुशी मिलती है। हालांकि यह बात शायद ही किसी के मन में आए कि अगर वे एक-दो और लोगों की मदद कर पाते तो उनकी खुशी बढ़ सकती थी।




















