ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां रक्षा, वित्त और अर्थशास्त्र पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्षा पूंजी और राजस्व खरीद की एक निष्पक्ष, पारदर्शी और ईमानदार प्रणाली के लिए हमारे पास व्यापक ब्लू बुक्स होनी चाहिए। इससे रक्षा उपकरणों और प्रणाली की खरीद के नियमों और प्रक्रियाओं को संहिताबद्ध किया जा सकेगा। राजनाथ सिंह ने आगे कहा, मुझे बताया गया है कि ऐसे अध्ययन हैं कि रक्षा,वित्त की एक मजबूत प्रणाली द्वारा रक्षा व्यय में भ्रष्टाचार और धन की बर्बादी को बहुत कम कर दिया गया है। व्यवस्था व प्रक्रिया अब और कारगर रूप में हमारे सामने है।
1.9 लाख करोड़ के सैन्य साजो-सामान की हुई खरीद
बीते 5 साल में भारतीय सेना काफी मजबूत हुई है। दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए सेना को भारत सरकार ने भरपूर संख्या में रक्षा उत्पाद उपलब्ध करवाए हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल और स्पेन से 1.9 लाख करोड़ रुपये के सैन्य सामान खरीदे हैं।
रक्षा सम्मेलन के जरिए नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों को रक्षा वित्त और अर्थशास्त्र पर अपने विचार और अनुभव साझा करने का अवसर मिला है। साथ ही रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। इस सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और केन्या के प्रतिनिधि शामिल हुए ।