ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दुनिया में बहुत से लोग अथवा संस्थाएं ऐसी भी होती हैं जो अपने सपने पूरे करने के साथ-साथ दूसरों के सपनों को भी सच करने में मददगार साबित होती हैं। दाइची ऐसी ही एक संस्था है जहां अपनी कला का हुनर दिखाने वाली हर एक शख्सियत किसी न किसी के लिए प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है।
गुड़िया ने उद्यमिता के सपने को साकार करने के लिए सामाजिक बाधाओं को बहादुरी से पार किया और आज वह अपने समुदाय में अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। अनीशा बानो ने अचार बनाने की कला में महारत हासिल की है और अपने उत्पादों को दूर-दूर तक पहुंचाने में उन्हें बड़ी संतुष्टि मिलती है। 70 वर्षीय गंगोदी दीदी अभी भी काम के प्रति उत्साहित हैं और वह रोजाना जंगल के 10 किलोमीटर पार कर नमकीन फैक्ट्री में काम करने जाती हैं। सुशीला रसायन मुक्त मसाले बनाकर अपनी कमाई से अकेले ही अपने बच्चों की देखभाल और घर का खर्च उठाती हैं। इन असाधारण महिलाओं की समानता यह है कि उन्होंने अपनी ताकत को पहचाना। ये सभी दाइची नाम की एक संस्था से जुड़ी हैं। यह एक ऐसा ब्रांड जो महिला सशक्तिकरण और बदलाव की दिशा में अग्रसर है।
राजस्थान के सोने जैसी धूप वाले खेत और जीवंत बाजार एक नए बदलाव के साक्षी बन रहे हैं। यहां, पुरानी परंपराओं और मिट्टी की कहानियों के बीच, महिला शिल्पकार की आवाज को एक नई पहचान मिल रही है। एक ऐसी जगह पर जहां स्त्रियों की क्षमता को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, यह संस्था उनके लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है।