ग्रेटर नोएडा। देश में सेमीकंडक्टर बनाने की दूसरी इकाई यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में 91 एकड़ में लगेगी। ग्लोबल इनवेस्टर समिट में हुए एमओयू के बाद अब कंपनी ने केंद्र और राज्य सरकार के पास आवेदन कर दिया है। सरकार के अनुमोदन के बाद कंपनी को मेगा इनवेस्टमेंट के तहत जमीन आवंटित की जाएगी। कंपनी यहां पर 17 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह इकाई सेमीकंडक्टर के मामले में देश को आत्मनिर्भरता बनाने के मिशन की लंबी छलांग साबित होगी।
वाहन, कंप्यूटर, लैपटॉप, सेलफोन आदि में सेमीकंडक्टर सबसे अहम पार्ट है। इसकी कमी से वाहन बाजार में दिक्क त हो रही है और इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के दामों में भी इजाफा हुआ है। सेमीकंडक्टर के लिए देश अभी आयात पर निर्भर है। इस निर्भरता को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर बड़ी कवायद शुरू हुई है। देश की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन की इकाई गुजरात में लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब उत्तर प्रदेश में भी सेमीकंडक्टर का उत्पादन होगा। इसके लिए हीरानंदानी ग्रुप आगे आया है। फरवरी में हुई ग्लोबल इनवेस्टर समिट में इसके लिए हीरानंदानी ग्रुप ने एमओयू किया था। अब उस एमओयू को धरातल पर उतारने की कार्रवाई शुरू हो गई।
चार चरणों में पूरा होगी योजना
हीरानंदानी समूह की कंपनी टारक्यू सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने ताइवान की एक कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर करते हुए यमुना प्राधिकरण में इकाई लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी ने केंद्र और प्रदेश सरकार को 12 अप्रैल को आवेदन कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने 50 लाख रुपये भी जमा करवा दिए हैं। यह योजना चार चरणों में पूरी होगी। केंद्र सरकार सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी को तमाम तरह की सुविधाएं देती है। इन्हीं सुविधाओं के लिए कंपनी ने आवेदन किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार भी कई तरह की सब्सिडी कंपनी को देगी।
सेमीकंडक्टर किसी प्रॉडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करता है। कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों की मांग बढ़ने पर सेमीकंडक्टर की मांग भी बढ़ जाती है। रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते सेमीकंडक्टर मांग के अनुरूप नहीं मिल पा रहे हैं। देश में कार की वेटिंग बढ़ने का एक कारण यह भी बताया जाता है।

सेमीकंडक्टर की इकाई लगाने के लिए हीरानंदानी ग्रुप ने केंद्र और प्रदेश सरकार में आवेदन किया है। सरकार की अनुमित के बाद जमीन आवंटित की जाएगी।
-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण