नई दिल्ली। इंडियन ऑयल में हरियाणा के पानीपत में देश का पहला ग्रीन एविएशन फ्यूल प्लांट लगाने जा रही है।
इसमें अल्काेहल से जेट फ्यूल बनाया जाएगा। भारत का एविएशन सेक्टर फिर बूम कर रहा है। देश में एयरपोर्ट्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है जो अब 100 के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में एविएशन फ्यूल की डिमांड भी बढ़ गई है और इसी डिमांड को पूरा करने के लिए नया प्लांट लगाया जा रहा है। जॉइंट वेंचर में बनने वाले इस प्लांट पर 3,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
इंडियन ऑयल पानीपत में एक रिफाइनरी पहले से ही चला रही है। एविएशन फ्यूल प्लांट के लिए अमेरिका की क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी कंपनी लांजा जेट इंक के साथ-साथ कई घरेलू एयरलाइंस के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर बनाया गया है। कंपनी के इस प्लांट में सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) तैयार होगा। इसके लिए अल्कोहल से जेट फ्यूल बनाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। ये एक बायो जेट फ्यूल होगा।
इसमें सामान्य एविएशन फ्यूल जैसी ही प्रॉपर्टीज होती हैं, वहीं कार्बन एनिमेशन काफी कम है। नए जॉइंट वेंचर में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी इंडियन ऑयल की होगी जबकि 25 प्रतिशत लांजा जेट की और बाकी 25 प्रतिशत एयरलाइंस कंपनियों के एक समूह को दी जाएगी। इस जॉइंट वेंचर में एयरलाइंस कंपनियों को शामिल करने का निर्णय इसलिए लिया गया है, ताकि तैयार होने वाले ग्रीन जेट फ्यूल की बिक्री सुनिश्चित की जा सके।
इंडियन ऑयल का 1500 करोड़ निवेश
इस प्लांट में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। लांजा जेट का निवेश 750 करोड़ रुपये का होगा। बाकी निवेश नई कंपनी में शामिल होने वाली एयरलाइंस करेंगी।
टाटा ग्रुप एअर इंडिया और विस्तारा जैसी फ्लाइट सर्विस ऑपरेट करता है। इसके अलावा देश में इंडिगो, गो फर्स्ट और ब्लूडार्ट जैसी कंपनियां भी एयरलाइंस चलाती हैं। इन सभी ने जॉइंट वेंचर में निवेश करने का प्लान बनाया है और प्रत्येक कंपनी 100 से 150 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है।