ब्लिट्ज ब्यूरो
चेन्नई । तमिलनाडु ने फिर से भाजपा को नकार दिया है। भाजपा यहां की 39 लोकसभा सीटों में से एक भी नहीं जीत पाई। मतलब, आम चुनाव 2024 में दस सीटों पर बढ़त दिखाने वाले एग्जिट पोल फेल साबित हुए। इसके विपरीत सभी सीटें सत्ताधारी दल द्रमुक के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने जीत लीं। हालांकि, यह हैरानी की बात नहीं, क्योंकि तमिलनाडु ने कभी भी हिंदु-मुसलमान की राजनीति को स्वीकार नहीं किया और सबसे ज्यादा मंदिरों वाले इस राज्य में राम मंदिर कभी मुद्दा ही नहीं रहा। लिहाजा, भाजपा को यहां के लोगों का समर्थन नहीं मिला। इसके अलावा 400 पार के पीएम मोदी के नारे ने तमिलनाडु की द्रविड़ राजनीति को विचलित कर दिया।
देश का यह हिस्सा लंबे समय से द्रविड़ राजनीति से संचालित होता आया है। यहां राम मंदिर, राष्ट्रवाद, कश्मीर, अनुच्छेद 370 आदि कभी भी चुनावी मुद्दे नहीं बन पाए। इसलिए भाजपा के इस नारे से लोगों में आशंकाएं घर कर गई। चुनाव के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई को खूब प्रचार मिला। अन्नामलाई सोशल मीडिया पर तो छाए रहे, लेकिन जमीन पर प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।


















