ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। कई वर्षों तक काम ठप रहने और लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुंबई का दूसरा सी लिंक आकार लेने लगा है। बांद्रा से वर्सोवा के बीच तैयार हो रहे इस सी लिंक का पहला पिलर पानी में बन कर लगभग तैयार हो गया है।
2018 से बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन प्रोजेक्ट के पहले ठेकेदार द्वारा शुरुआती तीन वर्ष तक बेहद मंद गति से काम करने के कारण 17 किमी लंबे सी लिंक का एक भी पिलर पानी में तैयार नहीं हो पाया था। 2022 के मध्य तक मुंबई की ट्रैफिक की समस्या हल करने के लिए प्रस्तावित ब्रिज केवल 2.5 प्रतिशत तक ही बन पाया था। वहीं पिछले साल ब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी में बदलाव करने के बाद अब धीरे-धीरे प्रोजेक्ट की रफ्तार बढ़ने लगी है। मौजूदा समय में मुंबई के दूसरे सी-लिंक का करीब 15 फीसदी तक तैयार हो चुका है।
सफर आसान होगा
मुंबई का दूसरा सी लिंक मौजूदा बांद्रा-वर्ली सी लिंक से कनेक्ट होगा। वहीं प्रस्तावित वर्सोवा-विरार सी लिंक भी इससे कनेक्ट होगा।
अभी लगता है डेढ़ से दो घंटे का समय
समुद्र पर ब्रिज बन जाने पर बांद्रा से वर्सोवा केवल 20 से 25 मिनट में पहुंचना संभव होगा। मौजूदा समय में यह सफर पूरा करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। वही तीनों सी लिंक के बन जाने के बाद मुंबई की ट्रैफिक समस्या काफी हद तक कम होने की उम्मीद है। मुंबई में एक छोर से दूसरे छोर तक यात्री तेजी से पहुंच सकेंगे।
सी लिंक पर होंगे चार कनेक्टर
वाहन चालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सी लिंक पर चार कनेक्टर होंगे। ये कनेक्टर बांद्रा, कार्टर रोड, जुहू और वर्सोवा में होंगे। इन कनेक्टर के माध्यम से वाहन आसानी से सी लिंक में एंट्री और एग्जिट कर सकेंगे।
तय की जाएगी नई डेडलाइन
बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक प्रॉजेक्ट की आरंभ में डेडलाइन 2026 तय की गई थी लेकिन निर्माण कार्य में हुई देरी के बाद प्रशासन ने प्रोजेक्ट की नई डेडलाइन तय करने का निर्णय लिया है। नई डेडलाइन निर्धारित करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा।
ठेकेदार बदलने से हुआ संभव
बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का काम करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। ठेकेदार बदलने से यह संभव हो सका है। समुद्र में तेजी से पिलर का निर्माण करने के लिए निर्माण स्थल तक आसानी से मटेरियल पहुंचाने के लिए पानी पर तैरने वाली फ्लोटिंग फैक्ट्री, मिक्सिंग प्लांट और पंप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
समुद्र के भीतर बनेंगे और भी पिलर
जानकारी के अनुसार समुद्र के भीतर और भी पिलर का बेस तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। यह कार्य विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों के माध्यम से किया जा रहा है। पानी के भीतर बेस तैयार होने के बाद लोगों को काम दिखने लगेगा।