ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि सरकारी कर्मचारी अगर अपने सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी पिता को आवंटित रेंट फ्री सरकारी आवास में रहता है तो वह मकान भत्ता यानि एचआरए का दावा नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराया है। हाई कोर्ट ने सरकारी आवास में रहते हुए एचआरए लेने पर भेजे गए रिकवरी नोटिस को रद करने की मांग ठुकरा दी।
सुप्रीम कोर्ट में यह फैसला न्यायमूर्ति बीआर गवई और संदीप मेहता की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली आर. के. मुंशी की अपील खारिज करते हुए सुनाया है। मौजूदा मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता मुंशी के पिता को सरकारी आवास आवंटित था जो कि जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी और विस्थापित कश्मीरी पंडित थे।
किसी एक को ही एचआरए मिल सकता है
याचिकाकर्ता उन्हीं के साथ सरकारी आवास में रहता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी, सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए अपने पिता को आवंटित रेंट फ्री सरकारी आवास में रहता है तो वह एचआरए का हकदार नहीं हो सकता। वह व्यक्ति एचआरए रूल 6 (एच) (4) का सहारा नहीं ले सकता, जो कहता है कि दो या दो से अधिक सरकारी कर्मचारी जैसे पति-पत्नी या माता- पिता या बच्चे किसी एक को आवंटित सरकारी आवास में साथ-साथ रहते हैं तो उनमें से किसी एक को ही एचआरए मिल सकता है।
आवास अपीलकर्ता के पिता को आवंटित था
मौजूदा मामले में जम्मू कश्मीर सिविल सर्विस (एचआरए एंड सिटी कंपनसेशन अलाउंस ) रूल 1992 के दो उपबंधों रूल 6 (एच) (1) और (2) तथा रूल 6(एच) (4) का मुद्दा शामिल था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवास अपीलकर्ता के पिता को आवंटित था और वह 1993 में सेवानिवृत्त हो गए। ऐसे में यह स्वत: सिद्ध है कि पद से हटने के बाद वह एएचआरए का दावा करने के पात्र नहीं हैं। यह बात सही है कि उसके पिता को विस्थापित कश्मीरी पंडित और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के तौर पर आवास आवंटित हुआ था लेकिन वास्तविकता वही है कि सेवानिवृत्ति के बाद वह एचआरए का दावा नहीं कर सकते। हाई कोर्ट के आदेश में कोई खामी नहीं है।
ये था मामला
इस मामले में याचिकाकर्ता आर. के. मुंशी जम्मू कश्मीर पुलिस में इंस्पेक्टर टेलीकॉम थे। वह 30 अप्रैल 2014 को सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें विभाग से एचआरए रिकवरी का नोटिस आया। कहा गया कि उन्होंने अवैध रूप से एचआरए लिया है जिसे वह वापस लौटाएं। उस पर रूल 6 (एच) के तहत कार्रवाई हुई थी जिसमें कहा गया था कि पिता को आवंटित सरकारी आवास में रहते हुए उन्होंने एचआरए लिया है।