नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 की धारा 17 (1ए) एक्ट की धारा 49 का प्रावधान एक्ट की धारा 17(1ए) में संदर्भित दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेजों पर भी लागू होगा।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने आगे माना कि बिक्री के लिए गैर-रजिस्टर्ड समझौता, जिसे अन्ततः अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड होना आवश्यक है, रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 49 के प्रावधान के संदर्भ में विशिष्ट अदायगी के लिए मुकदमे में साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य होगा। एक्ट की धारा 49 के परंतुक ( प्रोविजो) का एकमात्र अपवाद रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 17(1ए) (आर. हेमलता बनाम कस्तूरी) में उल्लिखित दस्तावेज होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आर हेमलता बनाम कस्तूरी के मामले में यह व्यवस्था देते हुए तमिलनाडु हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।