ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। योगी आदित्यनाथ सरकार ने यहां पर दुकानों के आवंटन को लेकर अपनी नीति में बदलाव किया है। इस बदलाव से सैकड़ों परिवारों को बड़ी राहत मिली है।
यहां बनीं सैकड़ों दुकानों को अब ब्याज मुक्त किस्तों पर विस्थापितों को देने का फैसला किया गया है। ‘पहले भुगतान फिर कब्जा’ की नीति को बदलते हुए ‘पहले कब्जा फिर भुगतान’ की नीति पर सरकार आ गई है। जिन लोगों को ये दुकानें आवंटित हो रही हैं, वे सहादतगंज से नया घाट तक 13 किलोमीटर लंबी सड़क चौड़ीकरण परियोजना के कारण विस्थापित हो गए थे। इस सड़क को ही राम पथ का नाम दिया गया है।
पहले पूरे भुगतान की थी शर्त
इससे पहले तय किया गया था कि दुकानदारों को 100 वर्ग फुट से 150 वर्ग फुट तक की इन दुकानों को देने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण को पूरी राशि का भुगतान करना पड़ेगा। एक दुकान की कीमत लगभग 8 से 18 लाख रुपये थी। इससे व्यापारियों के लिए भुगतान करना बेहद मुश्किल हो रहा था। ऐसे में दुकान की चाहत रखने वाले लोगों को बैंक से लोन लेना पड़ता और भारी ब्याज भी देना पड़ता।
विधानसभा का उपचुनाव भी होना है
अब नीति में बदलाव से दुकानदारों को बड़ी राहत मिल गई है। योगी सरकार की तरफ से नीति में बदलाव को अयोध्या में लोकसभा चुनाव में मिली हार से जोड़कर देखा जा रहा है। अगले कुछ दिनों में यहां पर विधानसभा का उपचुनाव भी होना है।
80 दुकानदारों को सौंपी गई चाबियां
पॉलिसी में बदलाव के बाद राम मंदिर तक पहुंचने वाले प्रमुख मार्गो के सुंदरीकरण, सुदृढ़ीकरण में विस्थापित दुकानदारों को अयोध्या विकास प्राधिकरण ने लाखों की दुकान अब बीस वर्षों की ब्याज रहित किस्त पर आवंटित कर दी है। प्रथम चरण में 80 दुकानदारों को इसकी चाबियां भी सौंप दी गईं हैं।
बहुमंजिली पार्किंग व व्यावसायिक संकुल में दुकानें आवंटित
इन प्रभावित दुकानदारों को राममंदिर के समीप टेढ़ी बाजार, रेलवे स्टेशन रोड एवं अमानीगंज में नवनिर्मित बहुमंजिली पार्किंग व व्यावसायिक संकुल में दुकानें आवंटित की गई हैं। प्राधिकरण की इस खबर से अयोध्या धाम में खुशी की लहर है।
आठ से 18 लाख की दुकानें सस्ती किस्त पर
टेढ़ी बाजार पूर्वी व पश्चिमी पर बेहद खूबसूरत इमारत बनाई गईं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन रोडपर कौशलेस कुंज व अमानीगंज में भी इमारतें बनाई गईं।
एडीए के सचिव सत्येंद्र सिंह ने बताया कि यहां दुकानें आठ से 18 लाख रुपये में आवंटित की गईं हैं। इन इमारतों में 341 विस्थापित लोगों को दुकानें आवंटित की गईं। इनमें से 80 आवंटियों को चाबियां दे दी गई हैं। अब उन्हें यही पैसा ब्याज रहित दर पर बीस वर्षों में किस्तवार देना होगा। आचार संहिता की वजह से प्राधिकरण के इस निर्णय को लागू नहीं किया जा सका था। इस महीने फिर से बोर्ड की बैठक होगी इसमें कुछ और राहत मिलने की उम्मीद है।
लंबे इंतजार के बाद राहत
राममंदिर निर्माण के समय वहां तक पहुंचने के लिए अयोध्या धाम में कुछ प्रमुख मार्गो का सुंदरीकरण सुदृढ़ीकरण किया गया था जिसमें रामपथ, भक्ति पथ, जन्मभूमिपथ, धर्मपथ प्रमुख रूप से शामिल हैं। इस कवायद में चार हजार से अधिक दुकानदार प्रभावित हुए थे। इनमें से सभी को शासनादेश के आधार पर मुआवजा भी दिया गया लेकिन इनमें से कुछ ऐसे भी दुकानदार थे जो वर्षों से दुकानों में किराएदार थे। उनके हाथ केवल एक डेढ़ लाख का भवन मुआवजा आया था। जमीनों का मुआवजा जमीन के मालिकों को मिला था। इस तरह के प्रभावित दुकानदारों के लिए शासन के निर्देश पर अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जाने वाली बहुमंजिली पार्किंग व व्यवसायिक संकुल में दुकानें आवंटित करने का वादा किया गया।