फ्रांस पूरे यूरोप में भारत का सबसे करीबी मित्र देश है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इंडो-पैसिफिक में भारत को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं। यही कारण है कि दोनों देशों के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। हालांकि, 1980 के दशक में एक समय ऐसा भी आया था जब भारत और फ्रांस के संबंध बहुत खराब हो गए थे पर आज भारत और फ्रांस की लगभग हर संभावित क्षेत्र में करीबी दोस्ती है। दोनों देशों का ये रिश्ता बहुत विशेष भी है लेकिन कई कारण हैं कि फ्रांस और मैक्रों भारत के करीबी मित्र हैं। यही नहीं, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में वह मुख्य अतिथि भी थे।
फ्रांस की अर्थव्यवस्था दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसका आकार 2,924 अरब डॉलर है। इसका ग्रोथ रेट 0.7 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय 44,410 डॉलर है और इसकी अर्थव्यवस्था एयरोस्पेस, पर्यटन, लक्जरी गुड्स और एग्रीकल्चर पर निर्भर करती है। फ्रांस जी8 का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। इसकी तकनीकी ताकत इसे विमानन, अंतरिक्ष, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन, रेलवे और कृषि अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भी बनाती है। भारत और फ्रांस अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे कर रहे हैं। ये दोनों देशों के लिए बेहद खास है। अब मोदी-मैक्रों की बॉन्डिंग भारत-फ्रांस की दोस्ती को नए स्तर पर ले जा रही है एवं यही कारण है कि फ्रांस और भारत बेस्ट फ्रैंड हैं।
भारत की दो दिवसीय यात्रा की शुरूआत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जब जयपुर पहुंचे तो उनका महाराजा शैली में स्वागत किया गया। जंतर मंतर पहुंचने पर पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पिंक सिटी में एक रोड शो में हिस्सा लिया। मोदी और मैक्रों ने एक दूसरे को गले लगाया। यह प्रतीकात्मक था क्योंकि भारत और फ्रांस हर संभव क्षेत्र में सहयोग करते हुए एक-दूसरे को मजबूती से गले लगा रहे हैं। फ्रांस भी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ आकर्षक सौदों की चाहत रखता है। रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के दौरान फ्रांस पश्चिमी दुनिया में भारत का पहला रणनीतिक साझेदार बन गया है और फ्रांस के लिए भारत पहला गैर-यूरोपीय भागीदार भी।
ऐसे में मैक्रों को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना भी अहम मायने रखता है। यह पीएम मोदी द्वारा बढ़ाई गई दोस्ती का एक पारस्परिक संकेत है क्योंकि बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी भी मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा आयोजित 14वें बैस्टिल डे सैन्य परेड में, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेड कार्पेट पर चले तो एक अनोखा सौहार्द देखने को मिला था तथा मैक्रों ने भी तब गर्मजोशी से गले मिलकर पीएम मोदी का स्वागत किया था। वस्तुत: राज्य मामलों की औपचारिकताओं से परे परेड ने दोनों नेताओं के संबंधों की मजबूती को दर्शाया जो एक सामान्य लक्ष्य और समर्पण का प्रतीक थी। इस बिंदु से आगे, वास्तविक मित्रता का एक स्वरूप भी सामने आया जिसने भारत-फ्रांस संबंधों की गति पर भी असर दिखाया।
फ्रांस में जुलाई 2023 के कार्यक्रम को और भी दिलचस्प बनाने वाली बात यह थी कि एक भारतीय दल ने पीएम मोदी की उपस्थिति में मार्च किया था। इस बैस्टिल डे परेड में 269 सदस्यीय भारतीय त्रि-सेवा दल ने भाग लिया । फ्रांसीसी जेट विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के तीन राफेल लड़ाकू विमान भी फ्लाईपास्ट में शामिल हुए थे।
75वें गणतंत्र दिवस समारोह के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा न केवल एक राजनयिक मील का पत्थर है, बल्कि 2018 के बाद से मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच विकसित हुई गहरी और व्यक्तिगत दोस्ती को भी रेखांकित करती है। यह यात्रा फ्रांस को भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक के रूप में प्रतिष्ठापित करती है और उनके सौहार्द की कहानी भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का केंद्र बन गई है। प्रारंभ से ही दोनों नेताओं ने अपने-अपने राष्ट्रों के लिए साझा दृष्टिकोण और द्विपक्षीय संबंधों को निरंतर दृढ़ करने की प्रतिबद्धता दर्शाई है। निर्णायकता और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाली मोदी की नेतृत्व शैली मैक्रों के साथ प्रतिध्वनित हुई जो खुद 2017 में फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। वह फ्रांसीसी इतिहास में सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति और नेपोलियन तृतीय के बाद सबसे कम उम्र के राष्ट्र प्रमुख बने।
मोदी और मैक्रों के बीच व्यक्तिगत केमिस्ट्री 2018 में मैक्रों की भारत यात्रा के दौरान स्पष्ट हुई जहां उन्होंने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का शुभारंभ किया। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई इस पहल ने सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उनकी पारस्परिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। इस प्रकार दोनों नेताओं के बीच दोस्ती आधिकारिक व्यस्तताओं से आगे बढ़ गई। दोनों को स्पष्ट बातचीत और गर्मजोशी भरे संकेतों के साथ देखा गया जिसने एक वास्तविक संबंध को दर्शाया।
दोनों की दोस्ती में महत्वपूर्ण मील के पत्थर में से एक 2019 में भी भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मैक्रों की उपस्थिति थी। यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि मैक्रों दो बार यह सम्मान पाने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बने जब वह इस बार 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बने। भारत के 75वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान फ्रांसीसी विदेशी सेना के छह भारतीय सैनिक भी अपने फ्रांसीसी साथियों के साथ कर्तव्य पथ पर शामिल हुए। 95 सदस्यीय फ्रांसीसी दल में राफेल लड़ाकू विमान और एक एयरबस ए330 विमान भी फ्लाई पास्ट में शामिल हुए। यह पहली बार था जब भारतीय सैनिक फ्रांसीसी परेड दल का हिस्सा बने।
रक्षा क्षेत्र इस विकसित होती मित्रता का एक प्रमुख स्तंभ बना है। फ्रांस से राफेल विमान खरीदने का निर्णय, जिसे 2016 में अंतिम रूप दिया गया, ने उच्च स्तर के विश्वास और सहयोग को प्रदर्शित किया। राफेल सौदा ज्ञान और तकनीकी हस्तांतरण का एक पैकेज था। फ्रांस ने भारतीय पायलटों और तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया। विमान को भारत की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित किया एवं उपमहाद्वीप के लिए अपने सिस्टम को अनुकूलित करने में सहयोग किया। इससे भारत की वायुशक्ति को बढ़ावा मिला और भविष्य के संयुक्त उद्यमों की नींव पड़ी। इसके बाद 2023 में पेरिस में 5वीं वार्षिक मंत्रिस्तरीय वार्षिक रक्षा वार्ता में दोनों नेताओं की भागीदारी ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और यह साझेदारी और गहरी होती जाएगी, इसमें कोई संदेह नहीं है।


















