ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। बदलते भारत की सुनहरी और ठोस तस्वीर कुछ मिनटों में ही कर्तव्य पथ पर इस तरह से सामने आई, जो दर्शकों के दिलों पर वर्षों तक राज करने वाली है। महिला शक्ति का परचम पहली बार हर तरफ लहरा रहा था। इस बार गणतंत्र दिवस परेड की थीम ‘विकसित भारत’ और भारत-लोकतंत्र की मातृका (जननी) थी।
परेड में जहां कई महिला दस्तों ने मार्च किया, वहीं भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम से लेकर मिसाइल सिस्टम तक में महिलाओं की ताकत दिखी। फ्रांस के मार्चिंग दस्ते के साथ ही फ्रांस के फाइटर जेट रफाल ने कर्तव्य पथ के ऊपर उड़ान भरी। 61 कैवलरी (घुड़सवार) ने सेना के मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व किया। यह दुनिया की अकेली सेवारत हॉर्स कैवलरी है।
भारत की शान
टी-90 टैंक, नाग मिसाइल सिस्टम, बीएमपी-2के, ऑल टेरेन वीइकल, पिनाका मिसाइल सिस्टम, वेपन लोकेटिंग रडार सिस्टम- स्वाति, सर्वत्र मोबाइल ब्रिजिंग सिस्टम, ड्रोन जैमर सिस्टम, एडवांस रेडियो फ्रिक्वेसी मॉनिटरिंग सिस्टम, मल्टी फंक्शन रडार के साथ एमआरएसएसएम सिस्टम कर्तव्य पथ पर दिखा। एमआरएसएसएम पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुआ जो मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इसका नेतृत्व एयर डिफेंस मिसाइल रेजिमेंट की लेफ्टिनेंट सुमेधा तिवारी ने किया। पिनाका मल्टीपल लॉन्चर रॉकेट सिस्टम है। यह पूरी तरह स्वचालित आक्रामक हथियार सिस्टम है जिसमें हर लॉन्चर में 12 रॉकेट होते हैं। इसकी रेंज 37.5 किलोमीटर तक है। इसका नेतृत्व सेना की आर्टिलरी ऑफिसर लेफ्टिनेंट प्रियंका सेवड़ा ने किया।
पहली बार महिला आर्टिलरी ऑफिसर्स शामिल
भारतीय सेना ने पिछले साल अप्रैल से ही अपनी आर्टिलरी आर्म में महिला अधिकारियों को लेना शुरू किया है और पहली बार महिला आर्टिलरी ऑफिसर्स ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया। जब सेना के मार्चिंग दस्ते कर्तव्य पथ पर पहुंचे तो सेना की एविएशन कोर ने रूद्र फॉर्मेशन के जरिए सलामी दी। इस फॉर्मेशन में एक प्रचंड हेलिकॉप्टर और तीन रुद्र हेलिकॉप्टर शामिल थे।
नारी शक्ति का गौरव
आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की महिला सैनिकों का संयुक्त मार्चिंग दस्ता कर्तव्य पथ पर पहली बार दिखा। इसका नेतृत्व इंडियन आर्मी की कैप्टन संध्या ने किया। इनके साथ आर्मी ऑफिसर कैप्टन श्रन्या राव, नेवी ऑफिसर सब-लेफ्टिनेंट अंशु यादव और एयरफोर्स ऑफिसर फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रृष्टि राव भी थीं। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार एएफएमएस यानी सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं का महिला दस्ता भी शामिल हुआ। इसका नेतृत्व मेजर सृष्टि खुल्लर ने किया। सेना के मद्रास रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, ग्रेनेडियर्स, राजपूताना राइफल्स, सिख रेजिमेंट, बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप के साथ कुमांऊ रेजिमेंट के दस्ते ने भी कर्तव्य पथ पर मार्च किया। कुमाऊं रेजिमेंट के दस्ते का नेतृत्व 22 वीं बटालियन के कैप्टन चिन्मय शेखर तपस्वी ने किया।




















