ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र सबसे आगे है। राज्य में 65,500 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है। यह देश के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 38.78 फीसदी है। जनवरी 2024 में दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में राज्य सरकार ने 3.53 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इससे दो लाख नौकरियां पैदा होंगी।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र पिछले 16 महीनों से विदेशी निवेश के मामले में देश में पहले स्थान पर है। बढ़ते निवेश प्रवाह की वजह से महाराष्ट्र को 2027-28 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य तक पहुंचाना आसान होगा।
73 प्रतिशत परियोजनाएं लागू
महाराष्ट्र विधान परिषद में राज्य में निवेश की जानकारी देते हुए महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि पिछले वर्ष दावोस में अंतर्राष्ट्रीय उद्योग प्रदर्शनी में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय निवेशों के लिए करार किया, जिसमें से 73 प्रतिशत परियोजनाएं अब तक राज्य में लागू की जा चुकी हैं। राज्य में रत्न एवं आभूषण से जुड़े उद्योगों के बीच 50,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
9 महीनों में 12.1 अरब डॉलर का एफडीआई
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह के दौरान सबसे अधिक 12.1 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। एक साल पहले समान अवधि में यह 10.76 अरब डॉलर था। वहीं कर्नाटक में एफडीआई घटकर 3.6 अरब डॉलर रह गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8.77 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन अवधि के दौरान दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हरियाणा में एफडीआई में गिरावट आई है जबकि गुजरात, तेलंगाना और झारखंड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ा है।
देश में कुल एफडीआई प्रवाह 51.5 अरब डॉलर रहा
डीपीआईआईटी के अनुसार देश में कुल एफडीआई प्रवाह अप्रैल-दिसंबर, 2022 के 55.27 अरब डॉलर के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में घटकर 51.5 अरब डॉलर रह गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश में 36.74 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान एफडीआई प्रवाह 18 प्रतिशत बढ़कर 11.6 अरब डॉलर रहा है, जो 2022-23 की समान तिमाही के दौरान 9.83 अरब डॉलर था। मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन और फार्मा क्षेत्रों में कम निवेश के कारण एफडीआई घटा है।
राज्यपाल ने कहा था
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने मराठा आरक्षण पर 20 फरवरी को विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत में विधायकों को संबोधित करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने 2027-28 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य देश के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के अनुरूप है।