विनोद शील
नई दिल्ली। गत सोमवार 24 जून को 18वीं लोकसभा में नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के साथ नई संसद का 10 दिवसीय पहला सत्र प्रारंभ हो गया जो 3 जुलाई तक चलेगा। इस सत्र में कुल 8 बैठकें होंगी। 18वीं लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखते हुए वेद-पुराणों और हिंदू धर्म का भी जिक्र किया। चूंकि यह 18वीं लोकसभा है इसलिए पीएम मोदी ने शास्त्रों में वर्णित अंक ज्योतिष के आधार पर 18 नंबर के महत्व का विशेष जिक्र किया।
वैदिक ज्योतिष से लेकर हिंदू धर्म में 18 अंक को शुभ माना गया है। वहीं अंक ज्योतिष के अनुसार भी 18 अंक का मूलांक 9 (1+8) बनता है जिसे शक्तिशाली गुरु से प्रभावित और मंगल ग्रह का अंक माना जाता है। पीएम मोदी ने 18वीं लोकसभा पर बात करते हुए 18 अंक के रोचक संयोग को अपने संबोधन में स्थान दिया।
पीएम मोदी ने 18 अंक को लेकर लोकसभा के पहले सत्र में देश को संबोधित करते हुए कहा कि 18वीं लोकसभा नए संकल्पों के साथ कार्यों की शुरुआत करे और यह नए संकल्पों का सदन बने। 18 अंक के सात्विक मूल्य पर वह बोले कि 18 का अंक हमें कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देता है। भारत में पुराणों और लोकपुराणों की संख्या 18 है। हमारे देश में 18 वर्ष में ही मताधिकार मिलता है। ऐसे में 18वीं लोकसभा का गठन भी एक शुभ संकेत है। यह लोकसभा भारत के अमृतकाल की लोकसभा होगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत से जो लोग परिचित हैं, वे इस बात से परिचित हैं कि हमारे देश में 18 अंक का सात्विक मूल्य है। गीता कर्तव्य और करुणा का संदेश देती है।
कैसे खास है 18 का अंक
– धार्मिक ग्रंथ और पुराण की संख्या: हिंदू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता और महाभारत में 18 अध्याय हैं। महाभारत का युद्ध भी 18 दिनों तक चला था। सनातन धर्म में पुराणों की संख्या भी 18 ही है और गीता में 18 हजार श्लोक हैं।
– 18 विद्याएं: छह वेदांग और चार वेद हैं। इसके अलावा मीमांसा, न्यायशास्त्र, पुराण, धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, आयुर्वेद, धनुर्वेद और गंधर्ववेद सभी को मिलाकर 18 प्रकार की विद्याएं हैं।
– काल के 18 भेद: समय गति को कालचक्र कहा जाता है, जिसके 18 भेद हैं। इसमें एक संवत्सर, 5 ऋतु और माह होते हैं।
– मां भगवती के 18 स्वरूप: काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कूष्मांडा, कात्यायनी, दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, पार्वती, श्रीराधा, सिद्धिदात्री और भगवती मां शक्ति के 18 शक्तिशाली स्वरूप हैं। साथ ही मां भगवती की 18 भुजाएं भी हैं।
– सांख्य दर्शन में मनुष्य, प्रकृति और मन के अलावा पांच महाभूत हैं – पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश। पांच ज्ञानेंद्रियां हैं – कान, त्वचा, आंख, नाक और जीभ। इनके अलावा 5 अन्य कर्मेंद्रियां हैं- वाणी, हाथ, पैर, गुदा और जननेंद्रिय जिनकी कुल संख्या भी 18 है।
– वैदिक अंक शास्त्र के अनुसार, 18 का मूलांक 9 है और यह अंक पूर्णता की गारंटी देता है और पूर्णता का प्रतीक अंक है। जिन लोगों का मूलांक 9 होता है, वे भाग्यशाली भी माने जाते हैं।
– वैदिक अंक शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों का जन्म 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है, वे सभी मूलांक 9 के दायरे में आते हैं। इनको अलग-अलग जोड़ने पर 9 मूलांक बनेगा। मूलांक 9 के जातक पढ़ाई-लिखाई में बहुत अच्छे माने जाते हैं।
दुनियाभर के लिए भी खास है 18 अंक
– भारत और हिंदू धर्म के साथ ही 18 अंक का जलवा दुनियाभर में है। यहूदियों में दीर्घायु, शुभकामना और आशीर्वाद के लिए 18 की श्रेणी में नकद या उपहार देने को शुभ मानते हैं।
– भारत के पड़ोसी देश चीन में 18 अंक को सुख-समृद्धि से जोड़ा जाता है। इसलिए जिन घरों, दुकान, फ्लैट या वाहन आदि में 18 अंक होता है, उसे हर कोई खरीदना चाहता है।


















