ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 23 बस स्टेशनों का निर्माण निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) से किया जाएगा। डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस आॅपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफटी) माॅडल पर इन्हें विकसित किया जाएगा। इन स्टेशनों को डीबीएफटी माॅडल पर विकसित करने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा तय पीपीपी गाइडलाइंस-2016 को संशोधित करने की अनुमति कैबिनेट ने 25 नवंबर को दे दी थी।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे : कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि प्रदेश के बस स्टेशनों को हवाई अड्डे की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। पहले चरण में लखनऊ, आगरा और प्रयागराज के दो-दो बस अड्डे तथा बनारस, कानपुर, गोरखपुर समेत बड़े शहरों के 23 बस अड्डों को पीपीपी माॅडल से बनाया जाएगा। यहां हर तरह की सुविधा मिलेगी और जो यात्री आएंगे उनके ठहरने की व्यवस्था भी रहेगी।
इन बस स्टेशनों को किया जाएगा विकसित : 23 बस स्टेशनों में कौशाम्बी (डिपो कार्यशाला, बस स्टेशन), गाजियाबाद, साहिबाबाद (डिपो कार्यशाला, बस स्टेशन), बुलंदशहर (नई भूमि), ट्रांसपोर्ट नगर आगरा, ईदगाह आगरा, आगरा फोर्ट, मथुरा (पुराना), कानपुर सेंट्रल (झकरकटी), वाराणसी कैंट (बस स्टेशन, क्षेत्रीय डिपो कार्यशाला), सिविल लाइंस प्रयागराज, जीरो रोड प्रयागराज, मिर्जापुर (डिपो कार्यशाला, बस स्टेशन), विभूति खंड लखनऊ (बस स्टेशन, क्षेत्रीय डिपो कार्यशाला), अमौसी लखनऊ (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), चारबाग लखनऊ, रायबरेली (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), बरेली (सेटेलाइट्स) (बस स्टेशन, क्षेत्रीय कार्यशाला), सोहराब गेट मेरठ (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), गढ़ मुक्तेश्वर (नई भूमि) हापुड़, रसूलाबाद अलीगढ़ (बस स्टेशन, डिपो कार्यशाला), अयोध्या धाम बस स्टेशन, अयोध्या तथा गोरखपुर शामिल हैं।