ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। इंडियन रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 1,26,366 किलोमीटर है और हर साल इसका विस्तार होता जा रहा है। देश के विभिन्न राज्यों में कई रेलवे लाइन प्रस्तावित हैं तो किसी पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में एक रेल लाइन बहुत अहम है जिसे 2000-01 के रेल बजट में मंजूरी मिली थी। हम बात कर रहे हैं भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन की। इस लाइन का इंतजार मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोग कई सालों से कर रहे हैं। अब उनका इंतजार खत्म होने वाला है। 262 किलोमीटर लंबी भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन का काम तेजी से जारी है और अब तक 114 किलोमीटर तक निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
2000-1 के रेल बजट में मंजूरी
2000-1 के रेल बजट में मंजूर हुई इस रेल लाइन पर 2004 से निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
लाखों यात्रियों को बड़ा फायदा
भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद मध्य प्रदेश में राजगढ़, ब्यावरा, नरसिंहगढ़, कुरावर, श्यामपुर, मुबारकगंज और दोराहा जैसे क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचेगा, वहीं राजस्थान में घाटोली, इकलेरा, जूनाखेड़ा, झालरा पाटन और रामगंजमंडी के लोग भी फायदे में रहेंगे। अकेले राजगढ़ जिले की 19 लाख से ज्यादा की आबादी 2 साल के अंदर रेल मार्ग से भोपाल, सीहोर और राजस्थान के कोटा से जुड़ जाएगी। कई गांव व शहरों में पहली बार रेल पहुंचने जा रही है। रेलवे की प्रोजेक्ट समरी के अनुसार शुरुआत में इस रेलवे लाइन की लागत 424 करोड़ रुपये थी, जो बाद में संशोधित होने के बाद पहले 2909 करोड़ और फिर 3032.46 करोड़ रुपये हो गई।
दिसंबर 2025 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
इस लाइन को पहले मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसे संशोधित करके दिसंबर 2025 तक रखा गया है। फिलहाल, रेलवे लाइन का 68 फीसदी काम पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य तेजी से जारी है।
पूरी तरह इलेक्िट्रक होगी लाइन
बता दें कि यह रेलवे लाइन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी। इस पर 4 मेन ब्रिज, 24 छोटे पुल, 2 रेलवे ओवरब्रिज और दो सुरंग होंगी। भोपाल-रामगंज मंडी रेलवे लाइन के ट्रैक को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि इस पर 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकें।