ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने एक बयान में कहा है कि ‘वर्ष 2023 ने जलवायु के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और चरम स्तर के मौसम का अनुभव देखने को मिला है जिससे तबाही की स्थिति बनती दिखी है। डब्ल्यूएमओ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2023 रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज हो सकता है। वर्ष 2023 की प्रोविजनल स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर के अंत तक के आंकड़ों से पता चलता है कि यह वर्ष 1850-1900 के औद्योगीकरण के दौर के स्तर से लगभग 1.40 डिग्री सेल्सियस (±+-0.12 डिग्री सेल्सियस के अनिश्चित मार्जिन के साथ) अधिक था।
इन आंकड़ों को देखा जाए तो यह लगभग निश्चित है कि वर्ष 2023 अब वर्ष 2016 और 2020 को पीछे छोड़ते हुए 174 साल के रिकॉर्ड में सबसे गर्म बन जाएगा, जो वर्ष 1850-1900 के औसत से ऊपर क्रमशः 1.29 (± +-0.12) डिग्री सेल्सियस और 1.27 (±+-0.13) डिग्री सेल्सियस के तापमान को पार कर जाएगा। वर्ष 2022 में प्राथमिक ग्रीनहाउस गैसों, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड की दर्ज सांद्रता, वैश्विक स्तर के कुल आंकड़ों के आधार पर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। विशिष्ट जगहों पर वास्तविक समय के दौरान किए गए माप से यह संकेत मिलता है कि वर्ष 2023 में लगातार इन गैसों में तेजी आती रही है।
वर्ष 2015 से 2023 तक के वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म थे। इसके अलावा गर्मी बढ़ाने वाले अल नीनो घटनाक्रम भी इस साल वसंत के मौसम में उत्तरी गोलार्ध में देखने को मिला जो गर्मी के दौरान और तेजी से विकसित हुआ और वर्ष 2024 में इससे गर्मी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि अल नीनो आमतौर पर चरम पर पहुंचने के बाद वैश्विक तापमान पर सबसे बड़ा प्रभाव डालता है।