ब्लिट्ज ब्यूरो
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 7वां आदर्श ग्राम सम्मेलन तीन दिन चला। यह राष्ट्रीय सम्मेलन बीएचयू और दक्षिण भारत की ग्रामीण विकास एजेंसियों द्वारा आयोजित किया गया। इसमें अमेरिका और यूरोप समेत 20 देशों से 800 एक्सपर्ट, 50 से ज्यादा कंपनियों और विश्वविद्यालयों के डेलीगेट्स आए। इनका उद्देश्य साल 2030 तक पूर्वांचल के गांवों में रहने वाले बड़े, बुजुर्ग, महिला और बच्चों को स्मार्ट बनाना है।
स्पोकेन ट्यूटोरियल : ग्लोबल व्हील फाउंडेशन से आए स्मार्ट विलेज डेवलपमेंट के प्रमुख प्रदीप कपूर ने कहा कि 18 भाषाओं में स्किल डेवलपमेंट के लिए एक एप तैयार किया गया है। इसका नाम है ‘स्पोकेन ट्यूटोरियल’। इसे अब तक 1 करोड़ लोगों ने डाउनलोड कर रखा है। इसमें अल्फाबेट से लेकर कंप्यूटर लर्निंग तक सीख सकते हैं। कोई टीचर नहीं होगा। बच्चे खेलते-खेलते मैथ से लेकर हर एक सब्जेक्ट सीखेंगे। इसमें रामायण और महाभारत भी होगा। एक गांव में दो बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए जाएंगे।
इस पर बच्चे गेम खेलने से लेकर कंप्यूटर सीखने तक की गतिविधियां कर सकते हैं। वहीं, बच्चा जब इसे सीख जाएगा तो अपने परिवार के लोगों को भी इस काम के लिए प्रोत्साहित करेगा।
लैब फॉर यू : दूसरी सुविधा गांव में पढ़ाई करने वाले बच्चों को वर्चुअल लैब की सुविधा दी जाएगी। इसका नाम है ‘लैब फॉर यू’। यह ऐप आपके फोन के 100 सेंसरों का यूज करके आर्टिफिशियल लैब की सुविधा देगा। इसमें छात्र अपने इंटरमीडिएट तक के कोर्स का 80 फीसद प्रयोग मोबाइल पर ही कर सकेगा। इससे छात्र को स्कूल-कॉलेज की लैब में बार-बार नहीं जाना होगा। केवल, डिसेक्शन यानी कि चीर-फाड़ करने के लिए ही फिजिकली जाना होगा। हमारे पास ऐसा एप्लीकेशन तैयार है। चिली में रहने वाली भारतीय मूल की वैज्ञानिक ने इस लैब को बनाया है।