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ग्रेटर नएडा। शहर के लाखों लोगों को अच्छा पेयजल हासिल करने के लिए 17 साल लंबा इंतजार करना पड़ा है। 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों ‘भागीरथी’ ग्रेटर नोएडा आ गईं ं। योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान ग्रेटर नोएडा में गंगाजल आपूर्ति परियोजना की शुरुआत की। तमाम अड़चनों, विवादों और व्यवधानों के चलते इस परियोजना को मूर्त रूप लेने में 17 वर्षों का लंबा वक्त लगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी दिन उत्तर प्रदेश के पहले डाटा सेंटर का भी उद्घाटन किया। गंगाजल परियोजना का उद्घाटन जैतपुर स्थित मास्टर रिजर्व वायर (मुख्य जलाशय) पर हुआ। पहले चरण में सेक्टर अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, ईटा आदि में पानी की आपूर्ति शुरू होनी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए पूर्ण कर ली है। नॉलेज पार्क-5 में हीरानंदानी ग्रुप ने इस डाटा सेंटर का निर्माण किया है।
इस डाटा सेंटर के बनने से बड़ी-बड़ी कंपनियों का डाटा यहां स्टोर हो सकेगा। इस डाटा सेंटर के शुरू होने से 1000 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा। डाटा सेंटर के कई और टावर बनाए जा रहे हैं। उनका निर्माण कार्य भी जल्दी पूरा हो जाएगा।
गंगाजल परियोजना की क्षमता 85 क्यूसेक
गंगाजल परियोजना के पहले चरण की टेस्टिंग का काम पहले ही पूरा हो चुका है। मास्टर रिजर्व वायर से सेक्टर के जलाशयों तक पानी पहले ही पहुंचाया जा चुका है। गंग नहर की सफाई के चलते गंगाजल की आपूर्ति बंद थी। अब सिंचाई विभाग ने गंग नहर में पानी छोड़ दिया है। छोटी मोटी कमियां प्राधिकरण का जल विभाग दूर करेगा।
गंगाजल परियोजना की कहानी
2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा वासियों को गंगाजल आपूर्ति के लिए परियोजना की शुरुआत की थी परंतु 2007 में सत्ता परिवर्तन हुआ और सीएम मायावती के 2012 तक के कार्यकाल में भी यह परियोजना हवा में ही रही। 2012 के सत्ता परिवर्तन में फिर समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में सत्ता में आई परंतु गंगाजल आपूर्ति परियोजना केवल फाइलों में चलती रही।
2017 के सत्ता परिवर्तन में नेतृत्व योगी के हाथों में आया और सीएम योगी ने इस परियोजना को गंभीरता से लेते हुए तेज गति से कार्य प्रारंभ करवा दिया। सीएम योगी के द्वारा 17 वर्ष पूर्व परिकल्पित योजना धरातल पर लाई गई। उनके भागीरथ प्रयास से भागीरथ जल लोगों को अब उपलब्ध होगा । इस परियोजना के पूर्ण होने से गौतम बुद्ध नगर के गिरते भू जल पर भी काबू पाया जा सकेगा।