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सूरजकुंड। उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ ने 36वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का शुभारंभ किया। यह मेला 19 फरवरी तक चलेगा। इस बार इस मेले में करीब 17 देश पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हैं जिसके चलते मेले की महत्ता और बढ़ गई है।
मेले में भाग लेने वाले सभी देश शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य हैं। वहीं, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को थीम स्टेट बनाया गया है। उद्घाटन समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा और आला अधिकारी भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह के बाद उपराष्ट्रपति ने मेले का दौरा किया। उन्होंने अलग-अलग स्टॉल पर जाकर देश विदेश से आए कलाकारों के साथ बातचीत की। मेले में आकर्षण का केंद्र बना है ‘अपना घर’। वहां पर भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपराष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ व आला अधिकारियों के साथ पहुंचे। उन्होंने हरियाणा की विरासत को देखा। इसके बाद मुख्य चौपाल पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई परफॉर्मेंस हुए और एकता में अनेकता का मैसेज दिया गया।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि, ‘ये गौरवान्वित पल हैं कि आज मैं यहां मौजूद हूं। मैं अपने आप को भाग्यशाली मान रहा हूं, देश-विदेश के कलाकारों को एक ही मंच पर, एक ही मेले में आकर अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका मिल रहा है। देश-विदेश से आए कलाकार अपनी कला को देश और विदेश तक पहुंचाएंगे। कलाकारों को एक ही मंच पर लाने का भी प्रयास काफी सराहनीय है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि, यह हमारे लिए ये गौरव के पल हैं। हमारी कोशिश यही रहती है कि देश विदेश से आए तमाम कलाकारों का यहां पर लोग प्रदर्शन देख सकें। उनकी कला को समझ सकें, महसूस कर सकें। सीएम ने कहा कि, उम्मीद है कि हर साल की भांति इस साल भी लाखों की संख्या में लोग मेले में आएंगे। उन्होंने कहा कि खास तौर पर हरियाणा की बात करें तो कृष्ण भगवान ने हरियाणा की धरती से ही एकता का संदेश दिया था और अब सूरजकुंड मेला देश में विदेश में विख्यात हो चुका है। सीएम ने कहा कि, आशा है कि इस मेले के जरिए लोगों को एक अपनी पहचान मिलती रहेगी। इस बार मेले की थीम नॉर्थ ईस्ट रीजन के 8 स्टेट पर निर्धारित है। मेले में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्कि म के खास सामान देखने को मिलेंगे। अलग-अलग देशों की बात करें तो पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के खास खाने से लेकर यहां के खास सामान की झलक देखने को मिलेगी। यह मेला देश ही नहीं, विदेशी लोगों में भी काफी लोकप्रिय है। कई देशों के लोग इसे देखने आते हैं। प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला भारत भर के हजारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने में मदद करता है। 35वें सूरजकुंड मेले की थीम जम्मू और कश्मीर स्टेट पर थी।
सूरजकुंड मेले का इतिहास
सूरजकुंड शिल्प मेला पहली बार 1987 में हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। सूरजकुंड शिल्प मेले के इतिहास में एक बेंचमार्क स्थापित किया गया था क्योंकि इसे 2013 में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था। 2020 में, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने मेले में भाग लिया था। लोकप्रिय सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का स्थल फरीदाबाद में दक्षिण दिल्ली से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। जगह अरावली पर्वत श्रृंखला की पृष्ठभूमि के पास है।