ब्लिट्ज ब्यूरो
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्क र देखने को मिल रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना पाएगी या नहीं ये आने वाले दिन तय करेंगे। फिलहाल इस बार शिमला विधानसभा सीट पर भाजपा ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। आगामी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिमला शहरी सीट के लिए भाजपा को एक ‘चायवाला’ मिल गया है। ‘चायवाला’ नाम इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि भाजपा में ‘चायवाला’ की संज्ञा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मिल चुकी है। विपक्षी नेता ‘चायवाला’ कहकर ही पीएम मोदी का मजाक बनाते थे, जिसे भाजपा ने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
संजय सूद शिमला में एक चाय की दुकान चलाते हैं। भाजपा ने मंत्री सुरेश भारद्वाज की जगह सूद को शिमला से लड़ाने का निश्चय किया है। इससे पहले सुरेश भारद्वाज चार बार शिमला शहरी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। चाय बेचने वाले संजय सूद ने टिकट मिलने के बाद कहा कि मैं बहुत आभारी हूं कि भाजपा ने मुझे शिमला अर्बन जैसी हॉट सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। मेरा विश्वास सातवें आसमान पर है क्योंकि यह मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता के लिए एक बड़ा सम्मान है।
कौन हैं शिमला का ‘चायवाला’
संजय सूद एक बहुत ही गरीब परिवार से हैं और 1991 से शिमला में चाय की दुकान चला रहे हैं। इससे पहले वह अखबार बेचते थे जिससे उन्हें कॉलेज की फीस भरने में मदद मिलती थी। उस वक्त उन्हें आरएसएस की छात्र शाखा ‘विद्यार्थी परिषद’ (एबीवीपी) में काम करने का भी मौका मिला।
राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आते
संजय सूद ने बताया कि मै राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आता, लेकिन जनता की सेवा के लिए तत्पर हूं।
पीएम मोदी से तुलना करने पर क्या बोले सूद
जैसा कि अब चायवाला की संज्ञा के साथ संजय सूद और पीएम मोदी के बीच तुलना की जा रही है। सूद ने कहा कि उनकी तुलना पीएम से नहीं की जानी चाहिए। वह एक अतुलनीय व्यक्तित्व हैं, मैं उनके पैरों के नीचे की धूल के बराबर भी नहीं हूं।
टिकट कटने पर क्या बोले सुरेश भारद्वाज
शिमला शहरी सीट से टिकट कटने पर भाजपा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में, एक सीट बदलने और दूसरी सीट पर लड़ने का रिवाज नहीं है। निश्चित रूप से यह अजीब है क्योंकि यहां केवल एक सीट है जहां मैं नियमित रूप से निर्वाचित हुआ हूं।