ब्लिट्ज विशेष
नई दिल्ली। प्रेस काउंसिल की चेयरपर्सन और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई ने ब्लिट्ज इंडिया के कार्यक्रम में अपने संबोधन में विकास के महत्व, आवश्यकता और देश में हो रहे विकास कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विकास की खबरों को प्रमुखता और प्राथमिकता दिया जाना सबसे बड़ी आवश्यकता है। विकास से न केवल देश का स्वरूप बदल रहा है , बल्कि रोजगार सृजन का बड़ा स्रोत भी खुल रहा है।
हमें भारत को डेवलप्ड कंट्री कहना है, ब्लिट्ज समूह कैटलिस्ट की भूमिका निभाए।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि ब्लिट्ज इंडिया समूह पहले से ही विकास की खबरों को विशेष महत्व दे रहा है। इस समूह के समाचार पत्र ने उन खबरों को हमेशा अपनी प्रथमिकता में रखा जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक रहीं।
जस्टिस देसाई ने कहा, प्रेस काउंसिल की चेयरपर्सन के नाते उनके सामने प्रिंट मीडिया की विविध शिकायतें हर दिन उनके सामने आती हैं। ये शिकायतें ब्रीच ऑफ जर्नलिस्टिक एथिक्स, फेक न्यूज, डेफरमेटिव न्यूज, निजी लाभ के लिए खबर को अनावश्यक रूप से सनसनीखेज बनाने, राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने,निजी विवाद उठाने या निपटाने आदि से संबंधित होती हैं। यानी कि इन शिकायतों में निगेटिविटी की भरमार होती है।
– हर दिन प्रिंट मीडिया की विविध शिकायतें सामने आ रहीं
– खुशी है कि ब्लिट्ज इंडिया पहले से ही विकास की खबरों को विशेष महत्व दे रहा है
जस्टिस देसाई का कहना था कि ब्लिट्ज इंडिया के कार्यक्रम का निमंत्रण मेरे लिए एक नया अनुभव रहा डेवलपमेंट जर्नलिज्म के रूप में। इसमें निगेटिविटी रहित कंस्ट्रक्टिव जर्नलिज्म की अपेक्षा रहती है। ब्लिट्ज इंडिया समूह के चेयरमैन और प्रधान संपादक दीपक द्विवेदी से कहा, मुझे खुशी है कि इस समूह के किसी भी वेरिएंट में निगेटिविटी दिखाई नहीं दे रही, इस सिलसिले को आगे भी जारी रहना चाहिए।
उन्होंने न्यू एज पाॅलिसी पर कवरेज के लिए ब्लिट्ज समूह से विशेष अपेक्षा की। उन्होंने कहा, अभी हमें डेवलपिंग कंट्री कहा जाता है, डेवलप्ड कंट्री कब कहा जाएगा, इसके लिए ब्लिट्ज समूह जैसे संस्थानों को विशेष उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) की भूमिका निभानी होगी। जस्टिस रंजना देसाई ने न्यूज वैल्यू पर एक व्यावहारिक उदाहरण का भी उल्लेख किया। उन्होंने ब्लिट्ज इंडिया समूह की वर्षगांठ और विस्तार पर हार्दिक बधाई दी।