विकसित भारत के विराट संकल्प को एक मुकाम तक पहुंचाने तथा इसके लिए एक मजबूत नींव के निर्माण का लक्ष्य पूरा करने के उद्देश्य से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट 1 फरवरी 2023 को पेश किया। अमृत काल के पहले बजट को पीएम मोदी ने वंचितों को वरीयता देने वाला बजट करार दिया है। उनके अनुसार ये बजट आज के आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को आने वाले समय में पूरा करेगा। इस बजट में पहली बार अनेक प्रोत्साहन योजनाएं शामिल की गई हैं। ऐसे लोगों के लिए ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी, क्रेडिट और मार्केट सपोर्ट की व्यवस्था की गई है। पीएम-विकास योजना से हमारे करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। महिलाओं के जीवन को और बेहतर बनाने के लिए बजट में अनेक बड़े कदम उठाए गए हैं। उन्हें अब और ताकत के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। महिलाओं के लिए एक विशेष बचत योजना भी इस बजट में शुरू की जा रही है जिससे उनको सम्मान के साथ और अधिक आर्थिक लाभ होगा तथा आर्थिक रूप से वे और अधिक सशक्त हो सकेंगी।
पर्यावरणीय चिंताओं को भी इस बजट में नजरअंदाज नहीं किया गया है। अभी पेट्रोल व डीजल वाहनों से आबोहवा को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। राजधानी दिल्ली के साथ-साथ देश के अनेक शहर प्रदूषण की मार से त्रस्त हैं। लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। संभवत: इसीलिए सरकार ने इलेक्टि्रक वाहनों को सस्ता किया है ताकि वे अधिक प्रचलन में आएं और बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके। इसके साथ ही सरकार को इलेक्टि्रक वाहनों को और सुरक्षित तथा कम मूल्य पर भी उपलब्ध कराने के उपाय भी करने होंगे।
सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पूरा जोर दिया है। वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि इस बार बजट में की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी को आय के नए अवसर भी प्रदान करेगा। समृद्ध और विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बहुत बड़ी ताकत होता है। इस वर्ग को सशक्त बनाने के लिए टैक्स रेट को कम किया गया है और आयकर छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ा कर 7 लाख रुपये की गई है जो मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों का भी ध्यान रखा गया है।
वित्त मंत्री के अनुसार 2014 के बाद से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था आकार में 10वें से 5वें स्थान पर पहुंच गई है। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाने की बात भी कही गई है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम करने को भी प्रोत्साहित किया गया है।
उद्योग परिसंघों सीआईआई, फिक्की और एसोचेम ने बजट को विकासोन्मुख करार दिया है। सरकारी पूंजी व्यय पर शत-प्रतिशत वृद्धि से रोजगार का सृजन होगा। इन्होंने केन्द्रीय बजट को संतुलित और प्रगतिशील बताते हुए इसका स्वागत किया है तथा कहा है कि बजट में समावेशी विकास को प्राथमिकता दी गई है। इनका मत है कि इस वर्ष का बजट न केवल देश के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को विश्व का विकास वाहक बनाने की दिशा में आगे ले जाएगा तथा व्यापार की सुगमता में सुधार लाएगा। बजट सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए भी सहायक है।
जनता का कहना है कि देश के विकास के लिए भविष्य को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है। लोगों ने बजट का स्वागत किया है कि सरकार ने इस बजट में समाज के सभी वर्गों और उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया है।
देश की रक्षा जरूरतें पूरी करने के लिए भी भरपूर धन का प्रावधान किया गया है। इस साल रक्षा बजट 5.94 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है, जो कि 2022-23 के 5.25 लाख करोड़ रुपये के बजट से 12.95 फीसदी ज्यादा है। यानी एक बार फिर रक्षा बजट में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इसमें पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है। रेलवे बजट में एक बार फिर बढ़ोतरी कर दी गई है। रेलवे को कुल 2.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिनसे तमाम योजनाओं पर काम किया जाएगा। अब तक का यह सबसे ज्यादा आवंटन है। साल 2013-14 के मुकाबले रेलवे का ये बजट लगभग 9 गुना ज्यादा है और रेलवे में 100 नई योजनाओं की शुरुआत होगी। अगले साल लोकसभा चुनाव होने के चलते मोदी सरकार के लिए यह बजट काफी अहम माना जा रहा था। आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होने के चलते लोगों और कॉरपोरेट सेक्टर को भी इससे बड़ी उम्मीदें थीं।