ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। विदेश और देश के विभिन्न राज्यों से मिल रहे भारी भरकम निवेश प्रस्तावों से अलग उत्तर प्रदेश के जिलों में हो रही निवेशकों की बैठकों से भी राज्य में खासा निवेश आ रहा है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस माह होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) के लिए विदेशों के साथ देश के विभिन्न राज्यों के बड़े शहरों में भी रोड शो का आयोजन कर लगभग 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हासिल किए हैं। प्रदेश सरकार ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के जरिए पहले 10 लाख करोड़ का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा था पर बाद में इसे संशोधित कर 17 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।
मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई सहित देश के कई बड़े शहरों में रोड शो के साथ ही योगी सरकार ने प्रदेश के मंडल मुख्यालयों व जिलों को भी निवेशकों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए थे। देश-विदेश की तर्ज पर जिलों में भी निवेश के भारी भरकम प्रस्ताव मिले हैं और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक प्रदेश के 75 में से 48 जिलों में निवेशकों के साथ बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। उम्मीद है कि सभी जिलों को मिलाकर 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ सकते हैं।
बरेली में हुई उद्यमियों की बैठक में 14,000 करोड़ रुपये निवेश संबंधी करार पर हस्ताक्षर हुए। इसी सप्ताह कानपुर में 75,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे। राजधानी लखनऊ में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उद्यमियों के साथ बैठक में मिले जबकि 79 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। अकेले सिटी गोल्ड काॅरपोरेशन ने लखनऊ की बैठक में सीमेंट व एथेनाल परियोजना लगाने के लिए 26,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
अफसरों के मुताबिक वाराणसी में 46,000 करोड़ रुपये के 292 निवेश प्रस्ताव उद्यमियों से मिले जबकि प्रयागराज में 34,000 करोड़ तो आगरा में 39,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले। हर तरह से पिछड़े और केंद्र सरकार के आकांक्षी जिलों में शुमार बहराइच में 1,750 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव 69 उद्यमियों की ओर से दिए गए हैं।
इस जिले में टाटा समूह की कंपनी टीपी रिन्यूवल माइक्रोग्रिड लिमिटेड ने 500 करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया है। औद्योगिक विकास विभाग का कहना है कि अभी वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले बचे हुए 27 और जिलों में उद्यमियों के साथ बैठकें होंगी जिसके बाद कुल जिलों से आने वाला निवेश पांच लाख करोड़ के पार होगा। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि गत सप्ताह तक ही 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश को मिल चुके थे। इनमें से 12 लाख करोड़ रुपये के एमओयू भी किए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा 3.40 लाख करोड़ रुपये का निवेश ऊर्जा क्षेत्र ने हासिल किया है।
वैकल्पिक एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग ने पहले तय लक्ष्य के पांच गुने से भी ज्यादा निवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है। वैकल्पिक ऊर्जा विभाग को पहले 40,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया जिसे बाद में बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। हालांकि इस विभाग को अब तक 229 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं जिनकी कुल लागत 2.20 लाख करोड़ रुपये हैं। इनमें से 154 प्रस्तावों पर तो एमओयू भी हो चुके हैं। ऊर्जा विभाग को एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया जबकि इसे 1.20 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव अब तक मिल चुके हैं।