मुंबई। महाराष्ट्र गृहनिर्माण क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के उपाध्यक्ष संजीव जयसवाल के अनुसार लोगों के घरों का सपना जल्द पूरा करने के लिए म्हाडा हर साल 3 से 4 हजार घरों की लॉटरी जारी करने का प्रयास करेगी। यह घोषणा उन्होंने कोकण बोर्ड के 5,311 घरों की लॉटरी जारी करते हुए कहीं।
घरों की लॉटरी
म्हाडा के घरों की पहली लॉटरी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से जारी की गई। शिंदे ने इस दौरान कहा कि प्रोजेक्ट देरी से पूरा करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना लगेगा, जबकि समय से प्रोजेक्ट को पूरा करने वाले ठेकेदारों को पुरस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम में गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे के अनुसार, लोगों को अब घरों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा, म्हाडा जल्दी-जल्दी लॉटरी जारी करने के लिए हर साल पूरे राज्य में एक लाख घर तैयार करने की योजना पर काम कर रही है।
– 2024 के अंत तक मुंबई बोर्ड के 2,000 घरों की लॉटरी
मुंबईकरों को करना होगा इंतजार
मुंबई में अपना घर होने का सपना देखने वाले लोगों को अभी और सात से आठ महीने का इंतजार करना होगा। दिसंबर, 2024 के अंत तक मुंबई बोर्ड के 2,000 घरों की लॉटरी जारी होगी। जयसवाल के अनुसार मुंबई बोर्ड की अंतिम 4 हजार घरों की लॉटरी पिछले साल जारी हुई थी, लॉटरी में जगह नहीं बना पाने वाले लोग बेसब्री से मुंबई बोर्ड की लॉटरी का इंतजार कर रहे हैं।
10 वर्ष का इंतजार खत्म
भारतीय नौसेना में कार्यरत अजय कुमार तिवारी 10 वर्ष से म्हाडा की लॉटरी में अपनी किस्मत आजमा रहे थे, लेकिन लंबे इंतजार के बाद उनके घर का सपना पूरा हुआ है। अजय अभी नौसेना के कोलाबा के क्वार्टर में रहते हैं। अजय के अनुसार नौसेना ने उनको रोजी-रोटी दी है। वहीं म्हाडा ने उनके घर का सपना पूरा कर दिया।
पांच वर्ष से नहीं भरा फॉर्म
अंटॉप हिल के रहने वाले सुनील वानारसे कई बार लॉटरी में नाम नहीं आने के कारण निराश थे और उन्होंने पिछले पांच वर्षों से किसी भी लॉटरी में आवेदन नहीं किया था। हर बार सुनील लॉटरी में कई फॉर्म भरते थे, लेकिन कोकण बोर्ड की लॉटरी में सुनील ने केवल एक फॉर्म भरा था और एक फॉर्म ने उनका घर का सपना पूरा कर दिया।
पति था निराश लेकिन पत्नी को मिला घर
वैदेही पालकर का पहली बार में ही घर का सपना पूरा हो गया है। वैदेही के अनुसार, पिछले 7 वर्ष से उनके पति लॉटरी के लिए आवेदन कर रहे थे लेकिन कभी सफलता नहीं मिली। पहली बार उन्होंने स्वयं किस्मत आजमाने का निर्णय लिया और फॉर्म भर दिया। पहली बार आवेदन करने के बाद उनको घर मिल गया।