आस्था भट्टाचार्य
इंदौर। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मुख्य अतिथि गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने पीएम मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता।
सूरीनाम के राष्ट्रपति ने कहा, दोनों देशों के संबंध प्रगाढ़ करेगा सम्मेलन
भारत के अमृत काल की अवधारणा का समर्थन
भारत की जी20 की अध्यक्षता राजनयिक घटनाओं से कहीं अधिक है। प्रवासियों व भारतीयों के लिए यह जनभागीदारी या सामूहिक भावना को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है। – पीएम मोदी
अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपने गुयाना का दौरा किया था। तब आप मुख्यमंत्री थे। हम आशा करते हैं कि इस साल के अंत से पहले आपके गुयाना दौरे का सौभाग्य हमें प्राप्त होगा। इस कठिन घड़ी में जब आपने अपनी मां को खो दिया है, आपने दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया कि मां-बेटे का रिश्ता कैसा होता है। आप एक अच्छे बेटे हैं।
इस सम्मेलन के विशेष अतिथि चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने पीएम मोदी से मांग की कि कैरेबियाई क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर भारतवंशियों को हिंदी सिखाने के लिए प्रशिक्षण संस्थान और विद्यालय खोले जाने चाहिए, ताकि इस समुदाय के लोग अपनी मूल भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपरा के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिकता में प्रवासी युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने में सहायता करने के लिए अकादमी की स्थापना होनी चाहिए। क्षेत्र में प्रवासी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एक डायस्पोरा फंड बनाया जाना चाहिए। मोदी की नए भारत के अमृत काल की अवधारणा का सूरीनाम समर्थन करता है।
भारत के साथ 25 वर्ष के सहयोग की संभावना देख रहा सूरीनाम
इंदौर। 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के विशेष अतिथि सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपने संबोधन में कहा कि हम किसी भारतीय के सूरीनाम पहुंचने की 158वीं एनिवर्सरी मना रहे हैं। उन्होंने कहा- हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर हमारा फोकस है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। मैं अगले 25 बरस के लिए परस्पर सहयोग के अनेक अवसर देखता हूं। दोनों देशों की कुछ साझा चिंताएं भी हैं। स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संक्रमण और खाद्य सुरक्षा पर दोनों देशों को साथ मिलकर तेजी से काम करना होगा।
संतोखी ने पीएम मोदी से मांग की कि कैरेबियाई क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर भारतवंशियों को हिंदी सिखाने के लिए प्रशिक्षण संस्थान और विद्यालय खोले जाने चाहिए, ताकि इस समुदाय के लोग अपनी मूल भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपरा के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिकता में प्रवासी युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने में सहायता करने के लिए अकादमी की स्थापना की जाए।। राष्ट्रपति संतोखी ने कहा कि विभिन्न देशों को भारतीय परंपराओं और संस्कृति को सीखने पर ध्यान देना चाहिए। यही नहीं, क्षेत्र में प्रवासी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एक डायस्पोरा फंड बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी की नए भारत के अमृत काल की अवधारणा का सूरीनाम समर्थन करता है।
आस्था भट्टाचार्य
इंदौर। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मुख्य अतिथि गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने पीएम मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता।
सूरीनाम के राष्ट्रपति ने कहा, दोनों देशों के संबंध प्रगाढ़ करेगा सम्मेलन
भारत के अमृत काल की अवधारणा का समर्थन
भारत की जी20 की अध्यक्षता राजनयिक घटनाओं से कहीं अधिक है। प्रवासियों व भारतीयों के लिए यह जनभागीदारी या सामूहिक भावना को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है। – पीएम मोदी
अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपने गुयाना का दौरा किया था। तब आप मुख्यमंत्री थे। हम आशा करते हैं कि इस साल के अंत से पहले आपके गुयाना दौरे का सौभाग्य हमें प्राप्त होगा। इस कठिन घड़ी में जब आपने अपनी मां को खो दिया है, आपने दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया कि मां-बेटे का रिश्ता कैसा होता है। आप एक अच्छे बेटे हैं।
इस सम्मेलन के विशेष अतिथि चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने पीएम मोदी से मांग की कि कैरेबियाई क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर भारतवंशियों को हिंदी सिखाने के लिए प्रशिक्षण संस्थान और विद्यालय खोले जाने चाहिए, ताकि इस समुदाय के लोग अपनी मूल भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपरा के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिकता में प्रवासी युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने में सहायता करने के लिए अकादमी की स्थापना होनी चाहिए। क्षेत्र में प्रवासी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एक डायस्पोरा फंड बनाया जाना चाहिए। मोदी की नए भारत के अमृत काल की अवधारणा का सूरीनाम समर्थन करता है।
भारत के साथ 25 वर्ष के सहयोग की संभावना देख रहा सूरीनाम
इंदौर। 17 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के विशेष अतिथि सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपने संबोधन में कहा कि हम किसी भारतीय के सूरीनाम पहुंचने की 158वीं एनिवर्सरी मना रहे हैं। उन्होंने कहा- हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर हमारा फोकस है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। मैं अगले 25 बरस के लिए परस्पर सहयोग के अनेक अवसर देखता हूं। दोनों देशों की कुछ साझा चिंताएं भी हैं। स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संक्रमण और खाद्य सुरक्षा पर दोनों देशों को साथ मिलकर तेजी से काम करना होगा।
संतोखी ने पीएम मोदी से मांग की कि कैरेबियाई क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर भारतवंशियों को हिंदी सिखाने के लिए प्रशिक्षण संस्थान और विद्यालय खोले जाने चाहिए, ताकि इस समुदाय के लोग अपनी मूल भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपरा के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिकता में प्रवासी युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने में सहायता करने के लिए अकादमी की स्थापना की जाए।। राष्ट्रपति संतोखी ने कहा कि विभिन्न देशों को भारतीय परंपराओं और संस्कृति को सीखने पर ध्यान देना चाहिए। यही नहीं, क्षेत्र में प्रवासी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एक डायस्पोरा फंड बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी की नए भारत के अमृत काल की अवधारणा का सूरीनाम समर्थन करता है।