दीपक द्विवेदी
नरेंद्र मोदी अब देश के पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता बन चुके हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ ग्रहण की है।
तमाम बयानबाजियों, जद्दोजहद और कयासों के बीच सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए नरेंद्र मोदी देश के दूसरे ऐसे नेता बन चुके हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ ले कर नया इतिहास रच दिया है और ऐसा करने वाले वह पहले गैर-कांग्रेसी नेता भी बन चुके हैं। इससे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ही अकेले ऐसे नेता थे जो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बने थे। शपथ लेने के पूर्व गत दिनों नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में सर्वसम्मति से एनडीए का नेता चुना गया था।
इसमें कोई दो राय नहीं कि यह प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व और कृतित्व का ही प्रभाव है कि उनकी कार्यशैली के प्रति एनडीए के सभी सांसदों ने विश्वास व्यक्त करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना नेता चुना। यह बात दीगर है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अकेले अपने दम पर पूर्ण बहुमत का आंकड़ा नहीं मिल पाया किंतु एनडीए को बहुमत से कुछ अधिक सीटें अवश्य मिली हैं।
प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ लेने वाले देश के दूसरे नेता…
इसीलिए गठबंधन की सरकार का गठन करने में किसी प्रकार की कोई अड़चन नहीं थी। चूंकि यह गठबंधन चुनाव पूर्व का है अत: इसके सभी घटक दल पहले से ही ऐसी स्थिति में समर्थन देने को प्रतिबद्ध थे। हालांकि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में पूर्व के अनुभवों के आधार पर इन कयासों और अफवाहों को ऊर्जा मिल रही थी कि सरकार के गठन के समय ये व अन्य सहयोगी दल अपनी-अपनी शर्तें मनवाने के लिए जबरदस्त दबाव बना सकते हैं। कहा तो यह भी जा रहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो ये दल एनडीए से अलग भी हो सकते हैं। वैसे यह बात अच्छी रही कि इस अवसर पर इन दोनों नेताओं अथवा अन्य सहयोगी दलों ने अपनी इमेज पर कोई अंगुली तक नहीं उठने दी। एनडीए की बैठक में सभी दलों ने सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा कि भारत के 140 करोड़ देशवासियों ने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा है।
बहुत लंबे अंतराल, लगभग 6 दशक के बाद भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सशक्त नेतृत्व को चुना है। हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता। हम सभी एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुनते हैं। एनडीए सरकार भारत के गरीब-महिला-युवा-किसान और शोषित, वंचित व पीड़ित नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत की विरासत को संरक्षित कर देश के सर्वांगीण विकास हेतु एनडीए सरकार भारत के जन-जन के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कार्य करती रहेगी।
वैसे एनडीए के इस प्रस्ताव के बाद अब भी विपक्षी गठबंधन को यह लगता है कि यह एनडीए सरकार लंबे समय तक चल नहीं पाएगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी हाल ही में कहा कि केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। उनकी पार्टी केंद्र में राजनीतिक स्थिति के संबंध में ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ का रुख अपनाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने भले ही आज सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया हो लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह कल ऐसा नहीं करेगा। फिलहाल तो इसे एक खयाली पुलाव ही समझना चाहिए लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं है कि इस बार पीएम मोदी को गठबंधन की मजबूरियों के साथ सत्ता में सामंजस्य बैठाना पड़ेगा। यही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी की इस सरकार को ‘बंधन’ की सरकार की भी संज्ञा दी जा रही है। अब प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती सहयोगियों से तालमेल को माना जा रहा है। एनडीए के सहयोगियों के हितों को साधते हुए उन्हें सरकार के कार्यों के साथ-साथ आगे बढ़ना होगा और पार्टी के एजेंडे को भी अमली जामा पहनाना होगा। बीजेपी के तमाम ऐसे एजेंडे हैं जो अन्य दलों के हितों के साथ टकरा सकते हैं। अब एनडीए के सहयोगियों के लिए भी यह एक कड़ी परीक्षा का समय है। यह तो समय के गर्भ में ही छिपा है कि एनडीए के सहयोगी दल किस तरह से आपस में तालमेल बैठाते हैं और विपक्ष को कोई मौका दिए बगैर पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करते हैं। इसमें शायद कोई संदेह नहीं कि वर्तमान पांच सालों का परफार्मेंस अगले पांच वर्षों की सत्ता की कुंजी भी बन सकता है। इसीलिए पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल के मंत्रियों को अपने-अपने मंत्रालय का कार्यभार सही ढंग से संचालित करने का महामंत्र भी दिया ताकि सरकार के फैसलाें से जनता समुचित रूप से लाभािन्वत हो सके।
शपथ के बाद एक्स पर मोदी ने लिखा
मैं और मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी, करोड़ देशवासियों की सेवा करने और देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’