नई दिल्ली। भारत को रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तीसरी यूनिट की सप्लाई इसी माह से शुरू हो जाएगी। भारतीय वायुसेना के 8 मेंबर्स की टीम रूस में इस मिसाइल सिस्टम की ट्रेनिंग ले चुकी है। इससे पहले रूस ने दो माह पूर्व एस-400 की दूसरी यूनिट देकर भारतीय सैन्य शक्ति में इजाफा किया था। फिलहाल इनकी असेंबलिंग की जा रही है। ये इक्विपमेंट्स समुद्र और हवाई रास्ते से भारत पहुंचे हैं। इस सिस्टम को उन क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, जहां चीन से खतरा ज्यादा है। ये सभी यूनिट 2023 के मध्य से काम करना शुरू कर देंगी। इस रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है।
5 एयर डिफेंस सिस्टम का है करार
भारत और रूस के बीच पांच एयर डिफेंस सिस्टम का करार हुआ था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस मिसाइल की डील करीब 35 हजार करोड़ रुपए में की गई है। भारतीय वायुसेना को एस-400 ‘ट्रायम्फ’ मिसाइल की कुल पांच रेजिमेंट (फ्लाइट) अक्टूबर 2023 तक मिलनी हैं। दो वर्ष पूर्व भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने जल्द से जल्द सभी यूनिट की सप्लाई करने का भरोसा दिया था। पुतिन की यात्रा के दौरान ही एस-400 की पहली यूनिट दिसंबर 2021 में भारत को मिली थी, जिसे पंजाब सेक्टर में तैनात किया गया है। भारत और रूस सरकार के बीच एस-400 के अपडेटेड और एडवांस्ड वर्जन एस-500 को लेकर भी बातचीत चल रही है।
रूस ने दिया भरोसा
रूस-यूक्रेन जंग के दौरान एस-400 की सप्लाई पर संकट के बादल गहराने लगे थे, लेकिन रूसी रक्षा मंत्रालय ने भरोसा दिलाया कि भारत और रूस के रिश्ते पहले से ही ठीक हैं और आगे भी बेहतर रहेंगे। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी हथियारों के निर्माण में लगने वाले डिवाइस और हथियारों की सप्लाई में कोई दिक्क त नहीं होगी।