ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए पश्चिमी और मध्य यूपी को ऑटो और इलेक्टि्रक व्हीकल इंडस्ट्री का हब बनाने का फैसला किया है। इसके लिए 9 से 10 हजार एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी और इस पर 19 से 20 बिलियन डॉलर खर्च होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पश्चिमी और मध्य यूपी में ऑटो और इलेक्टि्रक व्हीकल इंडस्ट्री को और विकसित करने की जरूरत है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यहां पर आसानी से ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को विकसित करने के साथ एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा सकता है।
सीएम ने कहा कि मध्य और पश्चिमी में उप्र में बने टू और थ्री व्हीलर ईवी व्हीकल और ईवी पार्ट्स को यूके, यूएसए, साउथ एशिया में सप्लाई किया जाएगा। योगी सरकार ने ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, हापुड़, कानपुर नगर और मेरठ को वृहद उद्योग के निर्माण के लिए चुना है जबकि एमएसएमई इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए आगरा, शाहजहांपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, सहारनपुर और इटावा को चुना गया है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए पश्चिमी यूपी को ओरिजनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। मध्य उत्तर प्रदेश में ऑटो इंडस्ट्री के लिए सबसे जरूरी मेटल इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा।
हर साल बनेंगे 1.10 लाख नए रोजगार के साधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी यूपी में ऑटो जोन और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को विकसित करने के लिए इससे जुड़े सहायक और डाउनस्ट्रीम उद्योग पर फोकस करना होगा। इसके लिए इलेक्टि्रक व्हीकल ओरिजनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर के सहायक उद्योग रबड़ प्रसंस्करण, प्लास्टिक, धातु, मशीनरी, कांच उद्योग को ग्रीन जोन के रूप में विकसित करना होगा। साथ ही प्रदेश में ईवी चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ाना होगा। एक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में इस सेक्टर में 60 से 70 हजार लोगों को रोजगार मिला था वहीं इसकी ग्रोथ से अगले पांच वर्षों में 90 हजार से 1.10 लाख प्रति वर्ष रोजगार उपलब्ध होंगे।