नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए अपने कर्म पथ पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं । “वसुधैव कुटुम्बकम ्” की सोच के साथ जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत ने काम करना शुरू कर दिया है। भारत इसे अपने लिए एक नई जिम्मेदारी और अपने प्रति दुनिया के बढ़ते विश्वास के रूप में देखता है।
आज भारत का नए आलोक में अध्ययन किया जा रहा है। भारत की वर्तमान सफलताओं का आकलन करने के बाद तो भविष्य को लेकर बड़ी आशाएं प्रकट की जा रही हैं। ऐसे में देशवासियों की यह जिम्मेदारी है कि इन आशाओं-अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा बेहतर करके दिखाएं।
आज जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, तो यह आयोजन 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व है। ऐसे में जी-20 की अध्यक्षता का 1 दिसंबर2022 से 30 नवंबर 2023 तक दायित्व संभालने वाले भारत के लिए ‘एक पृथ्वी, एक परिवार,एक भविष्य’ की भावना को साकार करने का सुअवसर है।
भारत इसे ‘पीपुल्स जी-20’ बनाना चाहता है इसलिए दुनिया के साथ-साथ 200 से अधिक जगहों पर जन भागीदारी वाले राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। केंद्र सरकार इसमें देश के जन-जन को प्रेरित कर रही है ताकि विश्व कल्याण के लिए भारत अपनी भूमिका बढ़ाए। इस अवसर पर कैसे अंतरराष्ट्रीय विषयों के समाधान में भारत अपना नेतृत्व देगा और साथ ही किस किस तरह से भारत अपनी परंपरा, संस्कृति, विरासत और महत्वपूर्ण उपलब्धियों को दुनिया के सामने रख उसे भारतीयता के रंग से सराबोर करेगा, इसकी तैयारी कर रहा है।