नई दिल्ली। 2024 के लोकसभा चुनाव और 2023 के 10 विधानसभा चुनावों की तैयारी का बिगुल भाजपा ने फूंक दिया है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम मंदिर के लिए धन्यवाद किया गया है। साथ ही महाकाल मंदिर के विकास और करतारपुर कॉरिडोर के लिए भी उनका आभार जताया गया है। भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्तुत राजनीतिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री के विजन और ग्लोबल लेवल पर उनकी कामयाबी की तारीफ हुई।
सभी चुनाव जीतने हैं
यह तय हुआ कि आने वाले सभी चुनाव जीतने हैं। बैठक में इस बात पर खास जोर दिया गया कि कैसे विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निगेटिव कैंपेन चला रहा है। कैसे उन पर झूठे आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन विपक्ष का हर झूठ बेनकाब हो जाता है और पीएम मोदी के हर काम पर देश की सबसे बड़ी अदालत भी अपनी मुहर लगा देती है। कार्यकारिणी की बैठक से पहले मोदी ने एक छोटा सा रोड शो किया, जिसमें दिल्लीवासी उमड़ पड़े और उन पर फूलों की बारिश की गई। गौरतलब है कि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक दिल्ली स्थित एनडीएमसी के कन्वेंशन सेंटर में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के 350 वरिष्ठ नेता इस कार्यकारिणी में शामिल हुए । इनमें 12 मुख्यमंत्री व 5 उपमुख्यमंत्री और 35 केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे ।
गेट की खास सजावट
दिल्ली में जहां बैठक हुई, उस हॉल के गेट पर मंदिरों, सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल की तस्वीरों वाला एक बड़ा कट आउट लगाया गया था। जानकारों के मुताबिक, ये शायद इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि इस साल दस सूबों में होने वाले चुनाव और फिर 2024 आम चुनावों में ‘मंदिर और राष्ट्रवाद’ पार्टी की रणनीति की अहम धुरी रहेंगे।
शाह ने मंदिर पर दिया था बयान
त्रिपुरा में अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को पहली जनवरी, 2024 को खोले जाने का एलान किया था।
तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति
2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जीतोड़ कोशिश करेगी। पीएम नरेंद्र मोदी की बीजेपी खुद को बस इन्हीं दो मुद्दों तक सीमित करने का रिस्क न लेकर अंतरिक्ष विज्ञान में हाल के सालों में भारत की प्रगति और देश भर में मूलभूत सुविधाओं में हुए निर्माण कार्य और सुरक्षा को भी केंद्र में रखेगी। हॉल के गेट पर लगे कटआउट के दाई ंओर जो तस्वीरें छपीं, वो इसरो, ब्रह्मोस मिसाइल और युद्धपोत की थीं। इनसे भाजपा की रणनीति का थोड़ा-बहुत संकेत मिल जाता है।
कार्यकर्ता कमर कस लें
बीजेपी हाल में हिमाचल प्रदेश के अलावा कहीं और चुनाव नहीं हारी है। अपने अध्यक्षीय भाषण में जेपी नड्डा ने कहा भी कि हिमाचल में रिवाज बदलना था, हम नहीं बदल पाए। जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं और नेतृत्व से कहा कि कमर कस लें, हमें एक भी चुनाव नहीं हारना है।
इन राज्यों में चुनाव
इस साल उत्तर-पूर्व के चार राज्यों (त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिज़ोरम), दक्षिण के कर्नाटक और तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान को मिलाकर कुल दस राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। हालांकि बाद में मध्य प्रदेश के बीस से अधिक विधायक राहुल गांधी के करीबी समझे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हो लिए थे और वहां कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिर गई थी।
कमजोर सीटों पर विशेष ध्यान
जेपी नड्डा ने अपने भाषण में जिन जगहों पर पार्टी कमज़ोर है, जैसे तेलंगाना में, उसकी बात भी की और कहा कि एक लाख तीस हजार बूथों की पहचान की गई है, जहां पर काम जारी है। पिछले साल भाजपा ने 160 ऐसी सीटों की बात की थी जिस पर उसको अपनी स्थिति मजबूत करने की ज़रूरत है। 2014 और 2019 के आम चुनावों में जीत के बाद तीसरी बाद जीत के लिए मैदान में उतरने वाली भाजपा का फोकस विदेश नीति पर भी है जिसमें वो अपनी सफलता गिना रही है।
सरकार की उपलब्धियां
कोविड टीकाकरण, निर्माण के क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति (भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गई है), कार निर्माण में भारत का तीसरा स्थान, मोबाइल तैयार करने में दूसरा स्थान और रोजाना 37 किलोमीटर रोड तैयार करना जैसी तमाम उपलब्धियां हैं जिन्हें पार्टी गिनाना चाहेगी। पार्टी ने इसे लेकर जंतर मंतर के सामने म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के कंवेशन सेंटर के बाहर एक प्रदर्शनी भी लगाई थी जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया। कार्यकर्ताओं से अपील की गई थी कि वो जाकर इस प्रदर्शनी को अवश्य देखें और इस संदेश को देश के कोने-कोने में वोटरों तक पहुंचाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक 220.14 करोड़ कोविड टीके लगाये जा चुके हैं, जिसमें से 95.14 करोड़ दूसरी डोज के तौर पर लगाए गए।