• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Friday, March 31, 2023
No Result
View All Result
  • Login
  • Register
Welcome To Blitz India Media
  • देश
  • उत्तर प्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क
  • देश
  • उत्तर प्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क
No Result
View All Result
Welcome To Blitz India Media
No Result
View All Result
Home दृष्टिकोण

बीबीसी श्रृंखला के खिलाफ हस्ताक्षर करके भ्रम फैलाने वाले झूठों को दिखाइये आईना

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में दुष्टता से प्रेरित विकृति की गंध

Blitzindiamedia by Blitzindiamedia
January 28, 2023
in दृष्टिकोण, ब्लिट्ज इंडिया मीडिया
0
बीबीसी श्रृंखला के खिलाफ हस्ताक्षर करके भ्रम फैलाने वाले झूठों को दिखाइये आईना

बीबीसी श्रृंखला के खिलाफ हस्ताक्षर करके भ्रम फैलाने वाले झूठों को दिखाइये आईना

0
SHARES
4
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp


एक बार फिर भारत के प्रति बीबीसी की जगजाहिर नकारात्मकता और अविश्वसनीय पूर्वाग्रह एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में सामने आए हैं, ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ में। तो क्या अब हमारे सामने भारत में हिंदू-मुस्लिम तनावों, जो वास्तव में ब्रिटिश राज की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति की ही उपज थे, को फिर से जिंदा करने के लिए ब्रिटिश साम्राज्यवाद के अतीत के आदर्श रूप, जो खुद को न्यायाधीश और न्यायालय दोनों के रूप में स्थापित करता था, को फिर से लादने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा है। अब तक हमने जो कुछ देखा है, उसके आधार पर बीबीसी की श्रृंखला न केवल भ्रमपूर्ण और स्पष्ट रूप से असंतुलित रिपोर्टिंग पर आधारित है, बल्कि यह एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के अस्तित्व के 75 साल पुराने आधारभूत ढांचे पर भी सवाल उठाती है, एक ऐसे राष्ट्र पर जो भारत के लोगों की इच्छा के अनुसार कार्य करता है।

स्पष्ट तथ्यात्मक त्रुटियों के अलावा, इस श्रृंखला से, जिसमें ‘कथित रूप से’ और ‘कथित तौर पर’ जैसे शब्दों का बार-बार उपयोग किया गया है (न कि ‘तथ्यात्मक रूप से’ शब्द का) दुष्टता से प्रेरित विकृति की गंध आती है जोकि पूर्ण रूप से निराधार और नापाक है। डाॅक्यूमेंट्री में इस तथ्य को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है कि भारत की सर्वोच्च न्यायिक संस्था, सर्वोच्च न्यायालय 2002 की गुजरात हिंसा में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की निष्िक्रयता के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए श्री मोदी की किसी भी भूमिका को स्पष्ट रूप से नकार चुकी है।
452 पेज के व्यापक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गुजरात दंगों की वर्षों की श्रमसाध्य जांच के बाद दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को बरकरार रखा था। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों- आरबी श्रीकुमार, संजीव भट्ट और हरेन पंड्या द्वारा किए गए ‘अति-सनसनीखेज खुलासों’ को सुना और अपने फैसले में नरेंद्र मोदी और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था। अदालत के शब्दों में, ‘इस मामले में चीज़ों को सनसनीखेज और राजनीतिक बनाने का प्रयास किया गया, जबकि इसमें झूठ भरा हुआ है’।

Related posts

जल चुनौतियों के समाधान की ओर बढ़ रहा भारत

मोदी के नेतृत्व में प्रगाढ़ होते अंतरराष्ट्रीय संबंध

March 24, 2023
नेताओं के बयानों से दरकता कांग्रेस का जनाधार

नेताओं के बयानों से दरकता कांग्रेस का जनाधार

March 24, 2023

बीबीसी स्वाभाविक रूप से सनसनी पर चलता है, फिर भले ही उसका आधार कितना भी गलत क्यों न हो। वह खुद को दूसरे अनुमान के लिए स्थापित करता है और भारतीय न्यायपालिका के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करता है। यह केवल बीबीसी की दुर्भावनाओं को उजागर करता है और इस श्रृंखला के पीछे की मंशा पर सवाल उठाता है। तथाकथित ब्रिटिश विदेश कार्यालय के दस्तावेज में भी कुछ नहीं है- जिसके बारे में कहा जाता है कि वह नई दिल्ली में उनके उच्चायोग और उनके राजनयिक की रिपोर्ट पर आधारित है, जिन्होंने 2002 में गुजरात का दौरा किया था। श्रीकुमार, भट्ट और पंड्या द्वारा लगाए गए आरोपों के अलावा, 2002 के बाद के वर्षों में भारत में किसी भी मीडिया रिपोर्ट और टिप्पणियों में पहले ऐसा आरोप नहीं लगाया गया था। इन सभी आरोपों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रमसाध्य रूप से विच्छेदित और खारिज कर दिया गया। तो क्या अब यह पुनर्जीवित आरोप, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का खंडन, केवल इसलिए मान लेना चाहिए क्योंकि एक ब्रिटिश मीडिया आउटलेट ने इसे बनाया है?

पूर्वाग्रह से प्रेरित : जहां तक स्पष्ट तथ्यात्मक त्रुटियों की बात है, तो वे पूर्वाग्रह से प्रेरित होने के अलावा और कुछ नहीं लगतीं। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को ही ले लीजिये, जिसे बीबीसी ‘मुसलमानों के लिए अनुचित’ कहता है। वास्तव में यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों (हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, बौद्ध और जैन) को त्वरित भारतीय नागरिकता देने का एक कानून है। इसका भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। अधिनियम में मुसलमानों के बारे में एक शब्द भी नहीं है। क्या बीबीसी ने इस पूरी तरह से झूठे आरोप को लगाने से पहले सीएए का पूरा पाठ पढ़ा?

मोदी का हर भारतीय से जुड़ाव : प्रधानमंत्री मोदी का प्रत्येक भारतीय नागरिक के साथ सक्रिय जुड़ाव, चाहे वह आवास या स्वास्थ्य या शिक्षा में हो, केवल स्वीकृति और अनुकरण के योग्य है। उदाहरण के तौर पर, कोविड-19 महामारी के वर्षों के दौरान दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सहायता कार्यक्रम, 80 करोड़ लोगों के लिए, अमेरिका और यूरोपीय संघ की संयुक्त आबादी से भी अधिक, सभी के लिए उपलब्ध था, भले ही उनकी आस्था कुछ भी हो। तथ्य खुद ही सच्चाई बयां कर देते हैं।

अस्थायी अनुच्छेद हटाया : इसी तरह, अनुच्छेद 370 भारत के संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, जो कभी भी स्थायी नहीं रहा। इसे हटाना किसी भी तरह से संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन नहीं था। आज वहां अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता है क्योंकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की केंद्र शासित सरकारें उन नीतियों को लागू करती हैं जो क्षेत्र के सभी लोगों को लाभान्वित करती हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

मुस्लिम विशिष्ट पहल : पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई एकमात्र मुस्लिम-विशिष्ट पहल मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए है। पीएम मोदी ने ‘ट्रिपल तलाक’ की विनाशकारी व्यवस्था को प्रतिबंधित करने वाला कानून पेश करके यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि हमारी मुस्लिम बहनों की गरिमा, स्वाभिमान और वित्तीय सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

बीबीसी कम आंकता है : देशभक्ति का जुनून दुनिया भर में सभी भारतीयों को आपस में जोड़ता है। जब मातृभूमि की बात आती है तो हम भारतीय एक साथ खड़े होते हैं। सैद्धांतिक रूप में संयुक्त और आपस में किसी के भी प्रति पूर्वाग्रह के बिना।

बीबीसी की पत्रकारिता पर सवाल : श्रृंखला भारत में बढ़ते तनाव के संदर्भ में नीतियों की जांच करने का दावा करती है। यह न केवल दर्शकों के समय, धैर्य और बुद्धिमत्ता की गंभीर बर्बादी है, बल्कि यह दावा वास्तव में बीबीसी की अपनी पत्रकारिता और नैतिक सिद्धांतों पर सवाल उठाता है। जैसा कि एक साथी भारतीय ने कहा कि वह बंगाल के अकाल पर ‘यूके: द चर्चिल क्वेश्चन’ नामक एक श्रृंखला चलाकर पत्रकारिता की बेहतर सेवा करेंगे।

प्रेरित चार्जशीट : यह डॉक्यूमेंट्री एक तटस्थ समालोचना नहीं है, यह रचनात्मक स्वतंत्रता का प्रयोग करने के बारे में भी नहीं है, यहां तक कि यह एक भिन्न, सत्ता-विरोधी दृष्टिकोण के बारे में भी नहीं है। वास्तव में यह हमारे नेता, एक साथी भारतीय और एक देशभक्त के खिलाफ स्पष्ट रूप से प्रेरित चार्जशीट है। इस बात की परवाह किए बिना कि आपने एक भारतीय के रूप में किसे वोट दिया होगा, भारत का पीएम आपके देश, हमारे देश का पीएम है।

बेहूदगी अस्वीकार्य : हम किसी ऐरे ग़ैरे को बेहूदगी नहीं करने देंगे जिनके खोखले तर्क ‘यह व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया था’ या ‘काफी विश्वसनीय रिपोर्टें थीं’ जैसे वाक्यांशों की आड़ में छिपे हों।

बाहरी लोगों की जरूरत नहीं : इंडिक सोसाइटी के संस्थापक सदस्य अदित कोठारी की तरह, जो इस संस्थागत पूर्वाग्रह के खिलाफ मुखर रहे हैं, हमें अपनी आवाज सुनाने की जरूरत है। समय आ गया है कि बीबीसी को यह बताया जाए कि भारत को औपनिवेशिक, साम्राज्यवादी, नींद में चलने वाले बाहरी लोगों की ज़रूरत नहीं है, जिनकी प्रसिद्धि का प्राथमिक कारण ब्रिटिश राज के तहत ‘फूट डालो और राज करो’ रहा है, हमें यह सिखाने के लिए कि मिलकर एक साथ (साथ नहीं) कैसे रहना है।

हमसे जुड़ें
बीबीसी की श्रृंखला के खिलाफ लड़ाई में इस याचिका पर हस्ताक्षर करके हमसे जुड़ें। हम अपने उत्साही ‘सत्याग्रह’ के माध्यम से हमारी सच्ची ताकत, हमारी देशभक्ति को प्रदर्शित करेंगे।
समन्वयक : संजीव त्रिपाठी
मोबाइल नंबर: 9811229603
सुश्री भास्वती मुखर्जी
मोबाइल नंबर: 8130104016
Previous Post

बीबीसी की खुली पोल

Next Post

1.4 अरब भारतीयों की आवाज हैं पीएम मोदी

Next Post
1.4 अरब भारतीयों की आवाज हैं पीएम मोदी

1.4 अरब भारतीयों की आवाज हैं पीएम मोदी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RECOMMENDED NEWS

वाह कोहली! इस मुस्कुराहट पर भला कौन

वाह कोहली! इस मुस्कुराहट पर भला कौन

3 months ago
ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए अमीर देश जिम्मेदार :  पीएम मोदी

ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए अमीर देश जिम्मेदार : पीएम मोदी

4 weeks ago
फाइनल में भिड़ेंगे अर्जेंटीना-फ्रांस

फाइनल में भिड़ेंगे अर्जेंटीना-फ्रांस

3 months ago
वन ट्रिलियन इकॉनमी लक्ष्य निवेशकों के लिए पोर्टल लांच

वन ट्रिलियन इकॉनमी लक्ष्य निवेशकों के लिए पोर्टल लांच

4 months ago

BROWSE BY CATEGORIES

  • 2022 का विहंगम अवलोकन
  • अंग्रेजी
  • अच्छी पहल
  • अडाणी प्रकरण
  • अंतरिक्ष विज्ञान
  • अर्थ
  • अर्थव्यवस्था
  • इंदौर में 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन
  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तर प्रदेश-दिल्ली
  • कठघरे मेन बीबीसी
  • खेल
  • खेल-फ़िल्म
  • गणतंत्र दिवस पर विशेष
  • चुनाव विशेष
  • जी20शिखर सममेलन
  • डॉक्यूमेंट्री विवाद
  • दृष्टिकोण
  • देश
  • नया भारत
  • नेशनल
  • पूर्वोत्तर दक्षिण
  • फीफा-2022
  • बजट-2023
  • बदलता रूप
  • यादें
  • यूनेसको इंडिया-अफीका हैकाथॉन
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय अर्थ
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय-अर्थ
  • विज्ञान-खेल
  • संपर्क
  • समाचार
  • स्टेट-नेशनल
  • स्पोर्ट्स

POPULAR NEWS

  • एसआरएम आईएसटी एनसीआर कैंपस में 17 वा दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया।

    एसआरएम आईएसटी एनसीआर कैंपस में 17 वा दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया।

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • हम तोड़ें नहीं, जोड़ें

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • योग को बनाएं जीवन का हिस्सा : पीएम मोदी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऋषि सुनक ही नहीं इन 6 देशों में भी ‘भारतवंशियों’ के हाथ में कमान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मिशन ‘क्लीन एयर’ के लिए बड़ी पहल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Call us: +1 234 JEG THEME

© 2022 Blitzindiamedia -BlitzIndia Building A New Nation

No Result
View All Result
  • देश
  • उत्तर प्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय
  • चुनाव विशेष
  • स्टेट-नेशनल
  • महिला-खेल
  • डाउनलोड
  • अंग्रेजी
  • संपर्क

© 2022 Blitzindiamedia -BlitzIndia Building A New Nation

Welcome Back!

Sign In with Facebook
Sign In with Google
OR

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In