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ईटानगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विकास को चुनाव और राजनीति से जोड़ा नहीं जा सकता। हवाईअड्डे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 में जब मैंने इसकी आधारशिला रखी तो कहा गया कि यह एक चुनावी हथकंडा है। पर आज यहां यहां कोई चुनाव नहीं है और हम हवाई अड्डे की शुरुआत कर रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर यह हवाईअड्डा बनाया गया है। यह राज्य को वाणिज्यिक उड़ानों के जरिये देश के अन्य शहरों तथा हेलीकॉप्टर सेवाओं से पूरे राज्य को जोड़ेगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने पश्चिम कामेंग जिले में 600 मेगावाट की कामेंग जलविद्युत परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। करीब साढ़े आठ हजार करोड़ की लागत से तैयार इस परियोजना से बनने वाली बिजली का काफी हिस्सा राष्ट्रीय ग्रीड को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में ढांचागत विकास के लिए निकट भविष्य में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हम विकास को राज्य के हर घर और गांव तक पहुंचाने के लिये मिशन मोड में काम कर रहे हैं।
सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसी कार्य संस्कृति लेकर आए हैं जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं। अटकाना, लटकाना और भटकाना वह समय चला गया। मोदी ने कहा, हमारी सरकार देश के विकास के लिए 365 दिन, सातों दिन और 24 घंटे काम करती है। मैं सारा दिन काम करता हूं ताकि देश आगे बढ़े। हम चुनाव में फायदा उठाने के लिए काम नहीं करते। आज सुबह मैं अरुणाचल प्रदेश में हूं और शाम को देश के दूसरे कोने में स्थित गुजरात में रहूंगा। बीच में मैं वाराणसी में भी रहूंगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय से पूर्वोत्तर की उपेक्षा की जाती रही है, जबकि विकास के मामले में आज इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। पहले पहले सीमावर्ती इलाकों की बस्तियों को ‘आखिरी गांव माना जाता था लेकिन अब उन्हें ‘पहला गांव माना जाता है। यही वजह है कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर में सात हवाई अड्डे बनाए गए हैं। पर्यटन हो या व्यापार, दूरसंचार या कपड़ा हर क्षेत्र में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
डोनी पोलो हवाईअड्डा
– 645 करोड़ रुपये की लागत – 08 चेकइन काउंटर – 200 यात्री प्रतिघंटे कर सकेंगे चेकइन
– 2300 मीटर का रनवे, हर मौसम में उड़ान संभव – 20 लाख लोगों के उपयोग के लिए
– कुल क्षेत्र 4100 वर्ग मीटर
– बीते वर्षों में पांच पूर्वोत्तर राज्यों, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हवाई अड्डों ने 75 वर्षों में पहली बार उड़ानें भरी हैं।
क्या है ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा
ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा एक नई और अविकसित जमीन पर बनाया जाता है। यानी ऐसी जमीन पर जहां पहले कोई काम न हुआ हो। यह पूरी तरह पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाया जाता है ताकि पर्यावरण का कोई नुकसान ना हो। इसका निर्माण पीपीपी मोड यानी पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप के जरिए किया जा रहा हो।
कहां-कहां बन रहे
देश में 21 ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे बनाए जाने हैं। इनमें से आठ शुरू हो चुके हैं। बचे हुए अन्य हवाईअड्डों पर काम चल रहा है। गोवा में मोपा, महाराष्ट्र में नवी मुंबई, शिरडी और सिंधु दुर्ग, कर्नाटक में कलबुर्गी, बीजापुर, हसन और शिमोगा, मध्य प्रदेश में दतिया (ग्वालियर), उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर आदि जगहों पर इनका निर्माण हो रहा है। दुर्गापुर, शिरडी, सिंधुदुर्ग, पायोग, कन्नूर, कलबुर्गी, ओरावकल और कुशीनगर शुरू हो चुके हैं।
पूर्वोत्तर में बढ़ती सुविधा
देश के सबसे पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में कोई हवाई अड्डा नहीं था। निकटतम हवाई अड्डा 80 किलोमीटर दूर असम के उत्तरी लखीमपुर जिले में लीलाबाड़ी हवाई अड्डा है। हालांकि, राज्य में पासीघाट और तेजू सहित कुछ उन्नत लैंडिंग ग्राउंड हैं। डोनी पोलो पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल हवाईअड्डे की संख्या को 16 तक ले जाएगा।
हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत और सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति सदियों पुरानी श्रद्धा को दर्शाता है।
विशालकाय आकर्षक गेट : डोनी पोलो हवाई अड्डे पर आने वाले लोगों के स्वागत के लिए भव्य और विशालकाय ग्रेट हॉर्नबिल गेट बनाया गया है। इसे राज्य के राजकीय पक्षी ग्रेट हॉर्नबिल के आकार में डिजाइन किया गया है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। ये गेट बांस और बेंत से बना है जिसका राज्य के लोगों और उसकी परंपराओं से गहरा संबंध है। पांच महीने के रिकॉर्ड समय में 23 फुट लंबे और 82 फुट चौड़े इस मुख्य द्वार का निर्माण किया गया है।