ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यूपी की क्षेत्रीय औद्योगिक आर्थिक विषमता को दूर करने में अहम भूमिका निभाने जा रहा है। समिट के निवेश प्रस्तावों पर अमल से बुंदेलखंड और पूर्वांचल निकट भविष्य में बड़े औद्योगिक केंद्र बनेंगे। साथ ही निर्यात के मामले में राज्य के ये हिस्से पश्चिमी और मध्य यूपी को टक्क र देंगे।
देशी-विदेशी निवेश प्रस्तावों में सबसे बड़ा हिस्सा मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का ही है। समिट में आए निवेश प्रस्तावों को एक साल से दो साल तक जमीन पर उतारने की तैयारी है। यानी बड़ी निवेश परियोजनाओं में 2025 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। कुछ कंपनी इससे पहले भी उत्पादन शुरू कर सकती हैं।
डेलायट कंपनी ने यूपी सरकार को सेक्टरवार कई बड़ी सिफारिशें दी हैं। इसमें कहा गया है कि यूपी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर खास जोर दे । निर्यात के लिए दूसरे सेक्टर भी फोकस करने की जरूरत है। अभी यूपी से होने वाले कुल निर्यात में पश्चिमी यूपी की हिस्सेदारी 78 प्रतिशत, मध्य यूपी की 10 प्रतिशत, पूर्वांचल की 12 प्रतिशत व बुंदेलखंड की 0.20 प्रतिशत है। यूपी का 50 प्रतिशत निर्यात केवल दो जिलों गौतमबुद्धनगर व नोएडा से होता है। यूपी की 45 प्रतिशत अबादी तो पूर्वांचल व बुंदेलखंड से आती है।