नई दिल्ली। एम्स-बीएचयू समेत 20 से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों से एक स्टडी सामने आई है वो काफी डराने वाली है। इस स्टडी के मुताबिक हालांकि देश में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं, लेकिन उनमें भूलने की बीमारी भी पुरुषों से ज्यादा है। भारत में महिलाएं किसी भी चीज को जल्दी भूल रही हैं और उनमें शहरों से ज्यादा गांवों की महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि भूलने की बीमारी यानी डिमेंशिया ही नहीं, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में तनाव-चिंता और गुस्से का ग्राफ भी ज्यादा होता है। दरअसल, बीएचयू और एम्स की स्टडी में इसके पीछे सबसे ऊपर खराब लाइफस्टाइल को बताया गया है, यानी देश की महिलाएं घर के सभी लोगों का ध्यान रखती हैं, लेकिन जब खुद का खयाल रखने की बात आती है, तो वे लापरवाह हो जाती हैं।
पुरुषों के मुकाबले गुस्सा भी ज्यादा, खराब लाइफ स्टाइल एक बड़ा कारण
जरूरत से कम नींद
एक बड़ा कारण है जरूरत से कम नींद लेना और हमेशा तनाव में रहना। इसकी वजह से महिलाओं के दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे कमजोर और क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसका एक कारण यह भी बताते हैं कि जिम्मेदारियों को निभाने के चक्कर में महिलाओं का सामाजिक जीवन कम हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच समन्वय की कमी हो जाती है, जो कि मनोभ्रंश का कारण बनता है वैसे याददाश्त के मामले में देश में पुरुषों की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है।
अब तक सटीक इलाज नहीं
भूलने की यह बीमारी भविष्य में और खतरनाक रूप धारण कर सकती है क्योंकि देश में इस वक्त करीब 88 लाख लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं, जबकि 2036 तक इसके मरीज दोगुने होने का अनुमान है। डिमेंशिया का कोई सटीक इलाज अभी तक मौजूद नहीं है।