ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इतिहास रचने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब प्रदेश को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार की योजना अगले पांच साल में प्रदेश की इकॉनमी को 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब 76 लाख करोड़ रुपये) वाली इकॉनमी बनाने की है।
भारत की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकॉनमी बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाना जरूरी है। यह न सिर्फ आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है बल्कि क्षेत्रफल में भी दूसरे नंबर पर आता है। अर्थव्यस्था के रूप में यह देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां उद्योग-धंधों के विकसित होने की काफी संभावनाएं हैं। यहां मानव श्रम भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। जब तक यह प्रदेश विकसित नहीं होगा, पीएम के 5 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा।
वित्त वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश की जीडीपी 21.74 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2020-21 मंस प्रदेश की अनुमानित अर्थव्यस्था 19.40 लाख करोड़ रुपये रही थी. राज्य सरकार को अगले पांच साल यानी वित्त वर्ष 2026-27 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी जीडीपी में चार गुना वृद्धि करनी होगी। राज्य विधानसभा का अगला चुनाव भी 2026-27 में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की इकॉनमी को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकॉनमी बनाने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 का लक्ष्य रखा है।