ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना की महिला फाइटर पायलट पहली बार देश के बाहर होने वाले युद्धाभ्यास में भाग लेंगी। वह जापान में होने वाले युद्धाभ्यास में भारतीय दल का हिस्सा होंगी।
इससे पहले भारत आने वाली विदेशी सेनाओं के दलों के साथ इन महिला पायलटों ने युद्धाभ्यास में भाग लिया है।
जानकारी के मुताबिक, वायुसेना की पहली तीन महिला पायलटों में से एक स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी युद्धाभ्यास में प्रतिभागी बनने के लिए जल्द ही जापान रवाना होंगी। अवनी एसयू-30एमकेआई की फाइटर पायलट हैं। अवनी की बैचमेट स्क्वाड्रन लीडर भावना कंड ने एसयू-30एमकेआई को भारतीय हथियारों से लैस सबसे घातक और बेहतरीन प्लेटफार्म करार दिया।
16 जनवरी से शुरू होगा युद्धाभ्यास
वायु सेना से मिली जानकारी के मुताबिक ‘वीर गार्जियन 2023 (10 दिवसीय युद्धाभ्यास) 16 जनवरी से 26 जनवरी तक ओमिटामा में हयाकुरी एयर बेस और इसके आसपास के हवाई क्षेत्र व सयामा में इरुमा एयर बेस पर आयोजित किया जाएगा। पहली बार देश के बाहर गरजेगी भारत की नारी शक्ति
संयुक्त राष्ट्र मिशन में अब अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांति सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने ट्वीट करते हुए बताया कि भारत संवेदनशील क्षेत्र अबेई में संयुक्त राष्ट्र मिशन में अपनी बटालियन के हिस्से के रूप में शांति सैनिकों की पूरी महिला टुकड़ी तैनात कर रहा है। यह हाल के वर्षों में महिला शांति सैनिकों की अकेली सबसे बड़ी तैनाती है।
कंबोज ने कहा कि अबेई में महिला शांतिरक्षकों की प्लाटून पिछले सप्ताह तैनात कर दी गई। 2007 में लाइबेरिया में महिला शांतिरक्षकों की प्लाटून तैनात करने के बाद संयुक्त राष्ट्र मिशन में यह भारत की सबसे बड़ी एकल महिला प्लाटून की तैनाती है। पिछले साल 31 अक्तूबर तक भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मिशन में बांग्लादेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी सेना भेजने वाला देश है। कुल 12 मिशन में भारत 5,5887 सैनिक और कर्मी भेज चुका है।
भारतीय मिशन ने बयान में उल्लेख किया कि स्थानीय आबादी में महिलाओं और बच्चों तक पहुंचने और उनसे जुड़ने की क्षमता के लिए दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में महिला शांति सैनिकों की भूमिका अहम है।
ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना की महिला फाइटर पायलट पहली बार देश के बाहर होने वाले युद्धाभ्यास में भाग लेंगी। वह जापान में होने वाले युद्धाभ्यास में भारतीय दल का हिस्सा होंगी।
इससे पहले भारत आने वाली विदेशी सेनाओं के दलों के साथ इन महिला पायलटों ने युद्धाभ्यास में भाग लिया है।
जानकारी के मुताबिक, वायुसेना की पहली तीन महिला पायलटों में से एक स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी युद्धाभ्यास में प्रतिभागी बनने के लिए जल्द ही जापान रवाना होंगी। अवनी एसयू-30एमकेआई की फाइटर पायलट हैं। अवनी की बैचमेट स्क्वाड्रन लीडर भावना कंड ने एसयू-30एमकेआई को भारतीय हथियारों से लैस सबसे घातक और बेहतरीन प्लेटफार्म करार दिया।
16 जनवरी से शुरू होगा युद्धाभ्यास
वायु सेना से मिली जानकारी के मुताबिक ‘वीर गार्जियन 2023 (10 दिवसीय युद्धाभ्यास) 16 जनवरी से 26 जनवरी तक ओमिटामा में हयाकुरी एयर बेस और इसके आसपास के हवाई क्षेत्र व सयामा में इरुमा एयर बेस पर आयोजित किया जाएगा। पहली बार देश के बाहर गरजेगी भारत की नारी शक्ति
संयुक्त राष्ट्र मिशन में अब अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र मिशन में महिला शांति सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने ट्वीट करते हुए बताया कि भारत संवेदनशील क्षेत्र अबेई में संयुक्त राष्ट्र मिशन में अपनी बटालियन के हिस्से के रूप में शांति सैनिकों की पूरी महिला टुकड़ी तैनात कर रहा है। यह हाल के वर्षों में महिला शांति सैनिकों की अकेली सबसे बड़ी तैनाती है।
कंबोज ने कहा कि अबेई में महिला शांतिरक्षकों की प्लाटून पिछले सप्ताह तैनात कर दी गई। 2007 में लाइबेरिया में महिला शांतिरक्षकों की प्लाटून तैनात करने के बाद संयुक्त राष्ट्र मिशन में यह भारत की सबसे बड़ी एकल महिला प्लाटून की तैनाती है। पिछले साल 31 अक्तूबर तक भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मिशन में बांग्लादेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी सेना भेजने वाला देश है। कुल 12 मिशन में भारत 5,5887 सैनिक और कर्मी भेज चुका है।
भारतीय मिशन ने बयान में उल्लेख किया कि स्थानीय आबादी में महिलाओं और बच्चों तक पहुंचने और उनसे जुड़ने की क्षमता के लिए दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में महिला शांति सैनिकों की भूमिका अहम है।