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नोएडा। न्यू नोएडा औद्योगिक नगरी के अलावा अब शिक्षा की नगरी के रूप में भी पहचाना जाना जाएगा। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त संख्या में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोले जाएंगे। यहां पर मेडिकल और पैरामेडिकल कॉलेज भी खोले जाने की तैयारी है। बुलंदशहर एवं दादरी के 87 गांवों की जमीन पर नया नोएडा बनना है। नए नोएडा को दादरी, नोएडा, गाजियाबाद से जोड़ते हुए विशेष निवेश क्षेत्र-डीएनजीआईआर-का नाम दिया गया है।
जमीन आरक्षित
अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा में शिक्षा के लिए काफी बड़े स्तर पर जमीन आवंटित की जाएगी। ऐसे में यहां बसने वाले लोगों को शिक्षा पाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा में विश्वविद्यालय कैंपस, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रोफेशनल कॉलेज, नर्सिंग पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, इंटीग्रेटेड कॉलेज, टेक्निकल कॉलेज आदि होंगे।
– विशेष निवेश क्षेत्र को डीएनजीआईआर नाम दिया
मास्टर प्लान 2041 को अभी स्वीकृति नहीं मिली है पर अभी तक उसमें प्रस्तावित योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों को जमीन देने को 1 हजार 662 हेक्टेयर जमीन को आरक्षित किया गया है। ये एरिया पीएसपी इंस्टीट्यूशनल के लिए है जिसमें संस्थागत क्षेत्र की इंडस्ट्री भी काम करेंगी।
तीन तरह की सड़कों का जाल बिछेगा
शहर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए तीन टाइप की सड़क का जाल बिछाया जाएगा। पहली आर्टियल सड़क 40.68 किमी लंबी बनाई जाएंगी। दूसरी सब आर्टियल सड़क 98.34 किमी और तीसरी सेक्टर रोड 126.09 किमी की होंगी।
41 प्रतिशत हिस्से में होगी औद्योगिक नगरी
नया नोएडा करीब 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जा रहा है। नए नोएडा को खासतौर पर औद्योगिक नगरी के रूप में बसाया जाएगा। वहां पर सबसे ज्यादा 41 प्रतिशत हिस्से में कंपनियां बसाई जाएंगी। हालांकि इसमें कुछ हिस्सा मिश्रित भूमि प्रयोग का भी होगा। इसका 8,811 हेक्टेयर एरिया औद्योगिक होगा। नोएडा के मुकाबले नए नोएडा में दोगुनी औद्योगिक संपत्ति के लिए जगह होगी। नोएडा में 18 प्रतिशत जमीन औद्योगिक संपत्ति के लिए चिन्हित है। यहां कर्मचारियों के लिए आवास की भी सुविधा होगी। माना जा रहा है कि इस शहर की कुल आबादी छह लाख में माइग्रेंट यानी प्रवासियों की संख्या 3.5 लाख होगी। उनके लिए ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी प्रकार की यूनिट बनाई जाएंगी। इसके अलावा कुल आवासीय एरिया 2 हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।
17 प्रतिशत में लगेंगे पेड़
41 प्रतिशत औद्योगिक संपत्ति के अलावा 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली, 15.5 प्रतिशत में सड़क, 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत स्थान व्यावसायिक संपत्ति के प्रयोग के लिए चिन्हित किया गया है।