ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम का तेजी से विकास हो रहा है जो इसकी अविरल आर्थिक तरक्क ी और विकास नीति का परिचायक है। विदेशी निवेशक मान रहे हैं कि भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अमेरिकी वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर ब्रेंडन रोजर्स इसके पीछे पांच वजह बताते हैं।
5 प्रमुख वजहें तरक्की की
पहला, भारत 28 वर्ष की औसत उम्र के साथ दुनिया का सबसे जवान देश है। दूसरा, सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर देश है। तीसरा, 7 फीसदी की गति से तरक्की कर रहा है। चौथा, स्टार्टअप करने वाले युवा हैं। ज्यादातर युवा देश में ही अवसर पैदा कर रहे हैं। पांचवां, डॉलर में तेजी के बाद भी विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहा है। वह कहते हैं कि इन पांच वजहों से यहां विशालकाय स्टार्टअप ईकोसिस्टम आकार ले रहा है, जिसे ताकत देने के लिए 60 करोड़ युवा हैं।
2025 तक 30 लाख लोगों को रोजगार
रोजर्स कहते हैं, 2025 तक देश में स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 1.5 लाख पार हो जाएगी। ये करीब 32 लाख रोजगार देंगे। इनमें विदेशी निवेश बढ़कर 150 अरब डॉलर (12.3 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा हो जाएगा। इनका सामूहिक मूल्य 500 अरब डॉलर पहुंच जाएगा। निवेशकों की मानें तो चीन के स्टार्टअप भरोसेे लायक नहीं। अमेरिकी स्टार्टअप वास्तविक कीमत से बहुत ज्यादा निवेश की मांग करते हैं। भारत के स्टार्टअप भरोसा व कीमत, दोनों लिहाज से निवेशकों के लिए अच्छे साबित हो रहे हैं।