ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि देश के 472 जिलों में मादक पदार्थ से जुड़े नेटवर्क की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क से जुड़े किसी शख्स को नहीं बख्शा जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार जिला स्तरीय नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) स्थापित करेगी। साथ ही उन्होंने मादक पदार्थों के खतरे के खिलाफ भारत सरकार के युद्ध का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की। शाह ने कहा कि जिस राज्य में नशीला पदार्थ पकड़ा जाता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि उस राज्य में व्यवस्था का दुरुपयोग हो रहा है बल्कि इसका अर्थ है कि उस राज्य में सबसे ज्यादा कार्रवाई होती है।
मौत का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसें अमित शाह ने कहा कि नशा मुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह लड़ाई केंद्र या राज्य की नहीं बल्कि हम सभी की है और इसके वांछित परिणाम के लिए बहु-आयामी प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ से जुड़े लोग मौत का कारोबार करने वाले लोग हैं और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करके इन्हें कानून के शिकंजे में लाना होगा। लोकसभा में नियम 193 के तहत देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदम विषय पर चर्चा में अमित शाह ने कहा कि यह सीमा रहित अपराध है। कोई भी कहीं से बैठकर मादक पदार्थ भेज देता है और इसमें हमारे बच्चे फंसते है एवं नस्लें बर्बाद होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मादक पदार्थ के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और इस जंग को तीन हिस्सों में बांट कर लड़ा जा रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि इसमें संस्थागत मजबूती एवं सतत निगरानी, एजेंसियों का सशक्तिकरण एवं समन्वय तथा विस्तृत जागरूकता एवं पुनर्वास अभियान शामिल है। हम सहयोग, समन्वय और गठजोड़ के त्रिसूत्री सिद्धांत के आधार पर काम कर रहे हैं।
एजेंसियों को अधिकार देना होगा
गृह मंत्री ने सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र को लेकर समय-समय पर विपक्ष के सदस्यों की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि देश के दुश्मन नशीले पदार्थ बेच रहे हैं, लेकिन बीएसएफ और अन्य एजेंसियां इन्हें पकड़ेंगी लेकिन उन्हें मुकदमे का अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि एजेंसियां निहत्थी नहीं बैठ सकतीं। उन्हें अधिकार देना होगा।
लक्ष्य है नशामुक्त भारत
शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नशामुक्त भारत का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। केंद्र और राज्यों को यह लड़ाई मिलकर लड़नी है। मादक पदार्थ के कारोबार से मुनाफे का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में होने की सूचना भी है तथा इस धन का इस्तेमाल अर्थतंत्र को भी खोखला करता है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
– 22 लाख 41 हजार किलो मादक पदार्थ जब्त साल 2006 से 2013 के बीच
– 62 लाख 60 हजार किलोग्राम मादक पदार्थ पकड़े गए 2014 से 2022 तक
– 23 हजार करोड़ रुपये मूल्य का कुल मादक पदार्थ जब्त
– 97 हजार करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जलाए जा चुके
संगरूर के गांव में नए साल से तंबाकू पदार्थों की बिक्री बंद
अमृतसर। पंजाब के संगरूर में एक गांव ने नए साल से दुकानों पर तंबाकू युक्त पदार्थों की बिक्री पर रोक लगा दी है। जानकारी के अनुसार संगरूर के ब्लॉक सुनाम के अंतर्गत आने वाले गांव झाड़ों के नौजवान स्पोर्ट्स एंड वेल्फेयर क्लब और ग्राम पंचायत ने मिलकर इस फैसले को लागू किया है। गांव में 1 जनवरी से दुकानों पर तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा आदि की बिक्री बंद है। अगर कोई दुकानदार 1 जनवरी के बाद तंबाकू युक्त सामान बेचता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे 5 हजार रुपए जुर्माना किया जाएगा। इतना ही नहीं, दुकान भी अगले 7 दिनों के लिए बंद कर दी जाएगी।
सिर्फ बेचने वाले ही नहीं, पीने व खाने वाले पर भी कार्रवाई की जाएगी। गांव की सरहद के भीतर , बस स्टैंड, स्कूल और सांझी जगह पर सिगरेट पीने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
एसजीपीसी ने किया समर्थन
शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ने इस फैसले का स्वागत किया है। इसके प्रवक्ता हरभजन सिंह ने कहा कि ऐसे फैसले अन्य गांवों को भी लेने चाहिए।