ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की पहली रीजनल ट्रेन वर्ष 2025 से शुरू होने की उम्मीद है। यह ट्रेन पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। एनसीआर ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (एनसीआरटीसी) के पीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि यह ट्रेन पश्चिमी यूपी की विकास यात्रा का सशक्त माध्यम होगी। रीजनल रेल ट्रांसपोर्ट सर्विस (आरआरटीएस) परियोजना पश्चिमी यूपी में आर्थिक केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के साथ दिल्ली से रिवर्स माइग्रेशन में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी। इससे प्रदेश में ईज ऑफ डूईं ंग बिजनेस एवं ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना की आधारशिला चार साल पहले प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी।
इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी के स्टॉल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनी में एनसीआरटीसी उप्र में आने वाले 17 किमी प्राथमिकता खंडों में आरआरटीएस का परिचालन भी आरंभ किया जा रहा है। आरआरटीएस के लिए 100 फीसदी ट्रेन सेट गुजरात के सावली में स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में निर्मित किए जा रहे हैं। साथ ही एनसीआरटीसी ने देश में पहली बार आरआरटीएस कॉरिडोर में उपयोग की जाने वाली ब्लास्टलेस ट्रैक तकनीक का स्वदेशीकरण किया है, जो 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का प्रदर्शन कर सकेगी। 82 किमी लंबे दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर का करीब 68 किमी का हिस्सा यूपी में है। इससे यात्रा में कम समय लगेगा।