लखनऊ। निर्माणाधीन श्रीरामचंद्र अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अब एटीआर के साथ एयरबस भी उतारने की तैयारी है। एयरपोर्ट का विकास एयरबस ए- 320 के मानक पर किया जा रहा है। लगभग तीन चौथाई काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पहले दिसंबर तक यहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
लक्ष्य के मुताबिक काम करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अफसर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। जिन परियोजनाओं पर काम पूरा किया जाना है, उन पर खास फोकस है। जिलाधिकारी ने भी यह कहकर बात साफ कर दी है कि सभी बाधाएं दूर करा दी गई हैं।
एयरपोर्ट से जहाजों की उड़ान के मद्देनजर रनवे, टैक्सी-वे, एप्रन, आइसोलेशन, एटीसी कंट्रोल टावर, फायर स्टेशन, टर्मिनल बिल्डिंग, नाइट लैंडिंग से संबंधित उपकरण आदि जैसे मानक पूरे होने की जरूरत होती है। इनमें से ज्यादातर महत्वपूर्ण काम पूरे हो चुके हैं और दूसरे पूरे किया जा रहे हैं।
रनवे विस्तार और नई टर्मिनल बिल्डिंग का होगा प्रस्ताव
अब तक 2200 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रन-वे बनाया जा चुका है। अब फेज टू में इसे 3125 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा किया जाना है। इसके साथ ही 30,000 वर्ग मीटर में नई टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जानी है। इसका प्रस्ताव भेजे जाने की तैयारी है।
बदल गया पूरा परिदृश्य
एयरपोर्ट को लेकर प्रक्रिया की शुरुआत से निर्माण तक पूरा परिदृश्य ही बदल गया।
सांसद लल्लू सिंह के प्रस्ताव पर तत्कालीन भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने इस पर कार्रवाई शुरू कराई थी। 2018 में एएआई के तत्कालीन अध्यक्ष गुरु प्रसाद महापात्र ने प्रदेश सरकार को जो पत्र भेजा था, उसमें तत्कालीन फैजाबाद में एयरपोर्ट निर्माण के बाद 2023-24 में एटीआर-72 को उड़ाने और 2028-29 में एयर बस की उड़ान शुरू करने की बात कही गई थी लेकिन श्रीराम मंदिर पर फैसला आने के बाद पूरा परिदृश्य बदल गया।
अब अयोध्या एयरपोर्ट का फेज वन का विकास ही एयरबस ए-320 के लिए अंतिम चरण में है। साथ ही एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का कर दिया गया।
रनवे किनारे लगे ग्लाइडपाथ और लोकोलाइजर का मदद से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। एयरपोर्ट पर लोकोलाइजर स्थापित कर दिया गया है।
मानक के अनुसार कार्य
एयरपोर्ट का विकास एयरबस ए-320 के मानक के अनुसार किया जा रहा है। यहां से एटीआर-72 और एयरबस ए-320 दोनों उड़ान भर सकते हैं और उतर सकते हैं। यह परिचालन के समय पर निर्भर है, किस जहाज से इसकी शुरुआत की जाती है। एयरपोर्ट का तीन चौथाई से ज्यादा काम पूरा हो गया है।
राजीव कुलश्रेष्ठ, महाप्रबंधक (परियोजना)
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया