प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के आसपास नई दिल्ली में भारत की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री मोदी के सफल नेतृत्व में 9 एवं 10 सितंबर को संपन्न हुई जी20 की 18वीं शिखर बैठक के नतीजे उनके जन्मदिन के सबसे बेहतरीन तोहफों के रूप में सामने आए हैं। इस शिखर बैठक के नतीजों को इसलिए भी संतोषजनक कहा जा सकता है क्योंकि ये सभी को कुछ न कुछ देने वाले निकले। पूरा देश भी जी20 के सफल और शानदार आयोजन की चकाचौंध से रोमांचित रहा। आम तौर पर देखा जाए तो ऐसे आयोजनों के सकारात्मक परिणाम प्राय: कम ही देखने को मिलते हैं पर पीएम मोदी की बौद्धिक कुशलता का यह कमाल रहा कि जी20 की बैठक के नतीजे लोगों की आशंकाओं के विपरीत पूरी तरह से सकारात्मक आए।
जी20 समूह के पास संसार के कुल व्यापार का 75 प्रतिशत और सकल घरेलू उत्पाद का 85 फीसदी है। इसलिए इनकी बैठकों से सकारात्मक नतीजे निकलना पूरी दुनिया और धरती के लिए आवश्यक है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ यानि ‘वसुधैव कुटुंबकम ’ का दिया गया मंत्र सारे वैश्विक परिदृश्य में बहुउपयोगी हो जाता है। भारत के संदर्भ में बात करें तो सर्वप्रथम तो जी20 की मेजबानी ने दुनिया के समक्ष भारत की छवि बदली है। इसमें कोई दो राय नहीं कि भारत की आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर जी20 के माध्यम से गौरवान्वित करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है।
संभव है कि कुछ लोग कह रहे हों कि भारत और भारतीयों को इसका क्या लाभ मिला? तो इसका सीधा सा जवाब है कि जी20 के विभिन्न समूहों की 200 से अधिक बैठकें देश के अलग-अलग राज्यों के 60 प्रमुख शहरों में हुईं। इसके कारण उन शहरों में उल्लेखनीय ढांचागत विकास देखने को मिला। अकेले केंद्र सरकार ने ही इसके लिए 990 करोड़ रुपये की राशि दी। राज्य सरकारों ने इन शहरों पर जो खर्च किया, वह अलग से। बात चाहे दिल्ली की हो, नोएडा की हो, आगरा, वाराणसी अथवा कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा या किसी अन्य जगह की, इन सभी महानगरों व राज्यों में एक वर्ष के भीतर जो विकास कार्य हुए हैं, उनसे ये स्थान न केवल सुंदर हुए, बल्कि लोगों की सुगमता व सुविधाएं भी बढ़ीं।
22 से 24 मई तक श्रीनगर में जी20 के पर्यटन समूह की जो बैठक हुई उससे बरसों बाद घाटी में एक अलग ही रौनक नजर आई। अंतरराष्ट्रीय स्तर का ऐसा आयोजन बरसों बाद यहां हो सका। इससे संपूर्ण विश्व में यह संदेश गया कि अनुच्छेद 370 के हटने व प्रदेश के विभाजन के बाद यह हिंसाग्रस्त इलाका अब विकास एवं शांति की ओर कदम बढ़ा रहा है। इससे भविष्य में विदेशी पर्यटन को बढ़ावा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है और यह कश्मीर के निवासियों की आर्थिक प्रगति का बेहतर मार्ग भी खोलेगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मानव कल्याण और जनविकास के दृष्टिगत अनेक महत्वपूर्ण निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए। इस बैठक में पीएम मोदी ने भारत की कूटनीति का डंका बजा दिया और भारत ने ग्लोबल डिप्लोमेसी में क्रांति की नई इबारत लिख दी। इसका जीता जागता उदाहरण है जी20 लीडर्स का सर्वसम्मति से जारी किया गया नई दिल्ली घोषणापत्र जिसमें भारत के अलग-अलग राज्यों के विकास के मॉडल का भी जिक्र है। भारत के अनेक इनिशिएटिव्स को दुनिया की मान्यता मिली। भारत ने अफ्रीकी यूनियन को जी20 में स्थायी सदस्य बनवाया। पीएम मोदी ने भारत की ओर से अफ्रीकी यूनियन को यह गारंटी दी थी कि वह अफ्रीकी यूनियन को जी20 में स्थायी सदस्यता दिलवाएंगे और पीएम मोदी ने यह काम पूरा कर के दिखाया। इस तरह जी20 अब जी 21 बन गया है तथा संयुक्त राष्ट्र के बाद जी21 विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय फोरम हो गया है। इसे भारत की एक ‘बड़ी एवं बढ़ी’ भूमिका के रूप में विश्व में देखा जा रहा है। जी20 के अन्य महत्वपूर्ण नतीजों में ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का गठन और भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप के बीच रेल-शिप कॉरिडोर बनाने पर सहमति भी शामिल है जिसे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट का जवाब माना जा रहा है। शिखर सम्मेलन के पहले दिन ही जैव ईंन्धन गठबंधन पर लगी मुहर को स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में एक अहम पहल के साथ आर्थिक रूप से भी काफी फायदेमंद माना जा रहा है। इंडियन बायोगैस एसोसिएशन का कहना है कि यह जी20 देशों को अगले तीन सालों में 500 अरब डॉलर के अवसर मुहैया करा सकता है।
पीएम मोदी ने जी20 के मंच से विश्व को अपना यह सिद्धांत भी स्वीकार कराया कि आज ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत को अपनाने का युग है, न कि युद्ध का। भारत में जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को दुनिया में सराहा जा रहा है। अमेरिका, यूरोप और गल्फ से लेकर जी20 के सदस्य और गैर सदस्य देश भारत की तारीफ कर रहे हैं। भारत की डिप्लोमैटिक जीत से नई दिल्ली घोषणा पत्र निकला, जिसकी तारीफ करने से चीन भी खुद को रोक नहीं पाया।