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नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों से झड़प के 7वें दिन भारत ने अपनी सबसे ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया है। एटमी ताकत वाली इस मिसाइल ने 5 हजार किलोमीटर दूर जाकर अपने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। अब पूरा एशिया,आधा यूरोप, रूस और यूक्रेन के साथ-साथ राजधानी बीजिंग सहित पूरा चीन अग्नि-5 की रेंज में आ गया है। भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश बन चुका है।
टाइम और खूबियां खास
इस परीक्षण की टाइमिंग ही नहीं, खूबियां भी बेहद खास हैं। नई टेक्नोलॉजी और उपकरणों के साथ यह टेस्ट किया गया है। नए रूप में मिसाइल पहले की तुलना में काफी हल्की होगी। रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस ट्रायल ने साबित कर दिया है कि अगर जरूरत हुई तो अग्नि-5 की मारक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। देश की सबसे ताकतवर मिसाइल अग्रि-5 भारत की लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5000 किमी दूर दुश्मन के ठिकाने को तबाह करने की ताकत रखती है। इस रेंज में पूरा चीन आ जाता है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया जाता है कि यह 8 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है। मिसाइल 1500 किलोग्राम का न्यूक्लियर वॉरहेड लेकर उड़ सकती है।
29 हजार 401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है। अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है। ये मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा। अग्नि-5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।
50 हजार किलो वजन
अग्नि-5 मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है। यह 17.5 मीटर लंबी है। इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं। इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं, जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं। यह एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह 29 हजार 401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है। अग्नि-5 को सड़क और रेल प्लेटफॉर्म से भी छोड़ा जा सकता है। ऐसे में इसे बड़ी आसानी से देश के किसी भी कोने में तैनात किया जा सकता है। मौसम की परिस्थितियों का भी इस पर कोई असर नहीं होता है। अग्नि-5 मिसाइल के अब तक कुल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं। इसका पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को इसकी टेस्टिंग हुई थी। अक्टूबर 2021 में आठवीं और नौवीं टेस्टिंग 15 दिसंबर 2022 को की गई।
1989 से ही भारत अग्नि सीरीज की मिसाइलों पर काम कर रहा है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। डीआरडीओ अग्नि को अलग-अलग वैरियंट के जरिए और शक्तिशाली बनाने में जुटा है। इंटरकॉन्टिनेंटल एटॉमिक रेडी बैलिस्टिक मिसाइल को ओडिशा के तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से दागा गया था। ये टेस्ट चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हाल ही में हुई झड़प के कुछ दिनों बाद किया गया है, हालांकि इसकी योजना पहले बनाई गई थी।
अग्नि-5 की विशेषताएं
– एटमी ताकत वाली मिसाइल ने 5 हजार किमी दूर टारगेट को ध्वस्त किया
– चीन-पाकिस्तान समेत आधी दुनिया जद में
– आवाज की गति से 24 गुणा अधिक रफ्तार
– भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश बना
– 8000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है इसकी रेंज
– ले जा सकती है 1500 किलोग्राम का न्यूक्लियर वॉरहेड
किन-किन देशों के पास है आइसीबीएम
फिलहाल दुनिया के मुट्ठीभर देशों के पास ही इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन,चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं।