अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि में राम मंदिर का 70 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है। गर्भगृह के पिलर 14 फीट तक बनकर तैयार हो चुके, परकोटे का मंदिर तेजी से बनाया जा रहा है। लक्ष्य है कि जनवरी 2024 तक दर्शन शुरू कराए जा सकें।
मंदिर निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण अगस्त 2023 तक तथा दूसरा दिसंबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य है। 2025 तक मंदिर पूर्णता को प्राप्त कर लेगा। मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके । कुल खर्च का अनुमान करीब 1800 करोड़ रुपए है। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से पिछले सप्ताह मीडिया को परिसर में बुलाया गया। करीब एक घंटे तक उन्हें राम मंदिर के अब तक हुए निर्माण को दिखाया गया। मंदिर निर्माण की ताजा स्थिति को दर्शाते हुए कई नए फोटो जारी किए गए हैं। राम जन्मभूमि पर निर्माण कार्य तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं।
क्या कहते हैं चंपत राय
मंदिर के गर्भगृह की दीवार बनकर तैयार है। यहां परिक्रमा पथ तैयार किया जा रहा है। गर्भगृह के अतिरिक्त 5 मंडप और बनाए जा रहे हैं। रामलला की पत्थर की मूर्ति तैयार हो रही है। चंपत राय के अनुसार विद्वानों का विचार है कि गर्भगृह में भगवान का विग्रह खड़ा होना चाहिए। प्रभु श्रीराम के जीवन के 100 प्रसंग भी मंदिर में उकेरे जाएंगे। इसमें देश के प्रसिद्ध साहित्यकार यतीन्द्र मिश्रा भी सहयोग कर रहे हैं।
– राम मंदिर की कई नई तस्वीरें जारी, मीडिया को दिखाई गई निर्माण की प्रगति
सिंह द्वार जैसा प्रवेश द्वार
राम मंदिर निर्माण से जुड़े इंजीनियर बताते हैं कि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का पूरा काम शुरू हो चुका है। वर्कर्स लगे हुए हैं। गर्भगृह और मंडप की दीवारों का काम भी चल रहा है। परकोटे की टोटल लंबाई 762 मीटर है। परकोटे के चार कोने में 4 मंदिर रहेंगे। प्रवेश द्वार सिंह जैसा होगा।
गर्भगृह का काम जारी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है कि जनवरी 2024 से मंदिर को दर्शन के लिए खोल दिया जाए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के पास पर्याप्त धन है। अभी मंदिर के भूतल निर्माण के क्रम में गर्भगृह का काम चल रहा है।
मिश्र ने बताया कि गर्भगृह के छह खंभों का निर्माण भी शुरू हो चुका है। इन्हें मकराना के मार्बल से बनाया जा रहा है। मार्बल के खंभेनुमा पीस को एक-दूसरे में जोड़कर तैयार किया जा रहा है। ये खंभे 19.3 फीट ऊंचे होंगे। इसके अतिरिक्त मुख्य मंदिर के गर्भगृह में फर्श, मेहराब, रेलिंग, दरवाजे के फ्रेम सफेद मकराना संगमरमर से ही तैयार किए जाएंगे, इनकी गढ़ाई शुरू हो चुकी है।
अयोध्या में सोने के सिंहासन पर विराजेंगे रामलला
पहले फेज का काम दिसंबर में पूरा हो जाएगा। इसमें राम मंदिर का गर्भगृह भी शामिल है। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के दिन इसी गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे।
मंदिर निर्माण की वर्तमान स्थिति
– गर्भगृह के अतिरिक्त 5 मंडप और बनाए जा रहे
– गर्भगृह में श्रीराम के बाल स्वरूप का पूजन मुहूर्त देखकर शुरू कराया जाएगा।
– मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा पथ तैयार किया जा रहा है।
– गर्भगृह के छह खंभों का निर्माण भी जारी है।
– ये मकराना के मार्बल से बनाए जा रहे हैं।
– गर्भगृह के पिलर का निर्माण 14 फीट तक हो चुका। तेजी से कंस्ट्रक्शन पूरा कराया जा रहा है।
– राम मंदिर में सहयोग के लिए भक्तों से मिली ईटों को भी मंदिर निर्माण में लगाया जा रहा है।
– मंदिर की दीवारों के बाहरी आवरण में खंभेनुमा पीस को आपस में जोड़ा जा रहा है।