ब्लिट्ज विशेष
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाए गए स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज मोरमुगाओ (वाई 12705) मिल गया है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने यह जहाज नौसेना को 24 नवंबर को सौंप दिया। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले साल भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित, स्टेल्थ तकनीक से बना
- परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध से बचाव में सक्षम
- ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस
- विमान पर 70, जमीन या समुद्र पर 300 किमी तक भेद सकता है लक्ष्य
क्या है प्रोजेक्ट 15बी?
नौसेना की मारक क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए युद्धपोत बनाने की परियोजना प्रोजेक्ट 15बी के चार जहाजों के लिए 28 जनवरी, 2011 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह परियोजना कोलकाता वर्ग (परियोजना 15ए) के विध्वंसक का अनुवर्ती है जिसे पिछले दशक में कमीशन किया गया था। इसी परियोजना का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले साल 21 नवंबर को भारतीय नौसेना में कमीशन किया जा चुका है। आईएनएस मोरमुगाओ प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टेल्थ विध्वंसक है। स्वदेशी तकनीक से बने युद्धपोत को पिछले साल 19 दिसंबर को परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया था। इस जहाज का नाम गोवा के समुद्री क्षेत्र मोरमुगाओ को समर्पित करने से न केवल भारतीय नौसेना और गोवा के लोगों के बीच संबंध में वृद्धि होगी बल्कि जहाज की पहचान को स्थायी रूप से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका से भी जोड़ा जाएगा।
भारतीय नौसेना की बढ़ेगी कई गुना ताकत
इसके मिलने से भारतीय नौसेना की कई गुना ताकत बढ़ जाएगी। 163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता है। 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को स्टेल्थ तकनीक से बनाया गया है। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारियों समेत 250 नौसैनिक तैनात रहेंगे। इस युद्धपोत में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। समुद्र में 56 किमी प्रति घंटा (30 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत 75 हजार वर्ग किमी. समुद्री क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।
एडवांस्ड मिसाइल से होंगी लैस
इस जहाज पर ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी। देश कीे सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ लगा है। यह कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेगा जिससे सटीक निशाना लगाया जा सकेगा। यह उड़ते विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम है। आईएनएस मोरमुगाओ 127 मिलीमीटर गन से लैस है, इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। मोरमुगाओ पर दो आरबीईयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं। इस पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे।
पिछले साल मिला प्रोजेक्ट का पहला जहाज
नौसेना को आज की जरूरतों के अनुरूप उपकरणों से लैस करने की कवायद चल रही है। इस क्रम में पिछले साल प्रोजेक्ट 15बी के पहले जहाज ‘विशाखापट्टनम’ को नौसेना में शामिल किया गया था। मुंबई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा निर्मित मिसाइल विध्वंसक की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और विस्थापन 7400 टन है। यह भारत में अब तक बनाए गए सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। यह जहाज कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस है। विशाखापट्टनम श्रेणी के युद्धपोत के निर्माण की शुरुआत अक्टूबर, 2013 में हुई थी, अप्रैल 2015 में इसे लांच किया गया और पिछले साल नौसेना के हवाले कर दिया गया है। ‘विशाखापट्टनम’ भारत में निर्मित सबसे लंबा विध्वंसक युद्धपोत है जो गहरे समुद्र में दुश्मन का संपूर्ण सफाया करने में सक्षम है। इससे भारतीय नौसेना की गतिशीलता, पहुंच और अंतरराष्ट्रीय जल में लचीलेपन में बढ़ोतरी हुई है।