ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने करोड़ों मुसाफिरों को सबसे बड़ी सौगात दी है। ट्रेन और रेलवे स्टेशनों में तत्काल ऐसी सुविधा दी जाएगी जिसे जानकर हर कोई खुश हो जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता और इसकी सीमा की जांच का काम पूरा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेशों के पालन के लिए रेल मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स, नई दिल्ली के एक्सपर्ट्स की कमेटी बनाई थी। इस समिति ने देश के सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में मेडिकल बॉक्स के प्रावधान की सिफारिश की है। इसके तहत ऑन-बोर्ड (यात्री के रूप में) या निकटतम उपलब्ध डॉक्टर के माध्यम से चिकित्सा सुविधा के प्रावधान के साथ बोर्ड और स्टेशन के सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुहैया कराने के निर्देश : विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश के अनुसार सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त एक मेडिकल बॉक्स उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके तहत फ्रंट लाइन स्टाफ यानी ट्रेन टिकट परीक्षक, ट्रेन गार्ड व अधीक्षक, स्टेशन मास्टर आदि को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। ऐसे कर्मचारियों के लिए नियमित पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सभी रेलवे स्टेशनों पर नजदीकी अस्पतालों और डॉक्टरों की सूची उनके संपर्क नंबरों के साथ उपलब्ध है। रेलवे, राज्य सरकार के या निजी अस्पतालों और एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं की एम्बुलेंस सेवाओं का उपयोग घायल, बीमार यात्रियों को अस्पतालों व डॉक्टर के क्लीनिक तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।