राज्यसभा में पीएम मोदी बोले…
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 3 जुलाई को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। 1 घंटा 50 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री नीट, मणिपुर, संविधान, कांग्रेस, पश्चिम बंगाल, रोजगार, भ्रष्टाचार, सीबीआई-ईडी, फेडरलिज्म, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर, इंदिरा, राहुल, दलितों सभी पर बोले।
पीएम मोदी जब 32 मिनट बोल चुके थे, तब विपक्ष के नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया। वॉकआउट प्रधानमंत्री द्वारा सोनिया गांधी पर निशाना साधने के बाद हुआ। उन्होंने कहा- ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट और रिमोट पायलट पर सरकार चलाने के आदी हैं। वे काम करने में विश्वास नहीं रखते, वे बस इंतजार करना जानते हैं।
इस पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- ये लोग मुझे नहीं, संविधान को पीठ दिखा रहे हैं। पीएम ने कहा- कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं, इसलिए वे मैदान छोड़कर भाग गए। नारे लगाना, चिल्लाना और भाग जाना, यही उनकी नियति है। पीएम मोदी के राज्यसभा में दिए गए जवाब को हम इन दस बिंदुओं से समझ सकते हैं:-
– संविधान की कॉपी लेकर अपने काले कारनामे छिपाने की विपक्ष की कोशिश
1.पेपर लीक
पीएम मोदी ने कहा कि पेपर लीक एक बड़ी समस्या है। मेरी इच्छा थी, सारे दल इस पर अपनी राय रखते। लेकिन यह मुद्दा भी इन्होंने राजनीति की भेंट चढ़ा दिया। मैं देश के नौजवानों को आश्वस्त करता हूं कि आपको धोखा देने वालों को यह सरकार छोड़ने वाली नहीं है। इन्हें सख्त सजा मिले, इसलिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं। हमने इसके लिए सख्त कानून भी बनाया है।
2. मणिपुर हिंसा पर
उन्होंने कहा कि मणिपुर में लगातार हिंसक घटनाएं कम हो रही हैं। स्कूल-कॉलेज, दफ्तर और अन्य संस्थान चल रहे हैं। मणिपुर में भी परीक्षाएं हुई हैं। जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, एक समय आएगा जब मणिपुर उन्हें रिजेक्ट कर देगा।
जो लोग मणिपुर का इतिहास जानते हैं, उन्हें पता है कि वहां सामाजिक संघर्ष का इतिहास रहा है। इन्हीं कारणों से मणिपुर में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा जो गैर भाजपाई सरकारों ने लगाया। मैं इस सदन में देश को बताना चाहता हूं कि 1993 में मणिपुर में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, जो 5 साल तक चली थीं। यह इतिहास समझकर हमें स्थितियों को ठीक करना है।
3. कांग्रेस के लिए क्या बोले पीएम
बहुत सी पार्टियां उनके (कांग्रेस के) साथ बैठी हैं, वह अल्पसंख्यकों की हितैषी होने का दावा करती हैं। वे मुजफ्फरनगर तुर्कमान गेट पर क्या हुआ, उसको क्लीन चिट देती हैं। ऐसे लोग हाथ में संविधान की कॉपी लेकर अपने काले कारनामे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
4. इमरजेंसी मानवीय संकट भी था
पीएम बोले- आपातकाल एक राजनीतिक संकट नहीं था। लोकतंत्र, संविधान के साथ-साथ एक मानवीय संकट भी था। अनेक लोगों की मौत हुई। जय प्रकाश नारायण की हालत ऐसी थी कि वे जेल से आकर कभी ठीक नहीं हो पाए। वो दिन ऐसे थे, जो कुछ लोग घर से निकले वे लौटकर नहीं आए। उनके शव तक नहीं मिले।
5. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से हंगामा क्यों
मोदी ने कहा कि जिन्हें सजा मिली है, उनके साथ ये (कांग्रेस नेता) तस्वीरें निकाल रहे हैं। जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो ये हंगामा कर रहे हैं। यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए कि सरकार इनका दुरुपयोग कर रही है। भ्रष्टाचार करे आम आदमी पार्टी (आप), शराब घोटाला करे ‘आप’, बच्चों के काम में घोटाला करे ‘आप’। ‘आप’ की शिकायत करे कांग्रेस और ‘आप’ को कोर्ट में ले जाए कांग्रेस। कार्रवाई हो तो गाली मोदी को। अब ‘आप’ और कांग्रेस साथी बन गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई मैं चुनाव के लिए नहीं लड़ता, ये मेरा मिशन है।
6. जम्मू-कश्मीर में संविधान व लोकतंत्र को स्वीकृति मिली
जम्मू-कश्मीर में मतदान के आंकड़ों ने पिछले 4 दशक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यह भारत के संविधान और लोकतंत्र को स्वीकृति देते हैं। देशवासी जिस पल की प्रतीक्षा करते थे, वो आज सहज है। पहले बंद-हड़ताल, आतंकी धमकियां, धमाके की कोशिशें होती थीं। इस बार लोगों ने संविधान पर विश्वास जताकर अपने भाग्य का फैसला लिया है।
7. जांच एजेंसी पर
2013 में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि कांग्रेस से लड़ना आसान नहीं है। जेल में डाल देगी, सीबीआई पीछे लगा देगी। मैं रामगोपाल जी से पूछना चाहता हूं कि क्या नेताजी झूठ बोलते थे। रामगोपाल जी, अपने भतीजे को भी यह याद दिलाएं कि राजनीति में कदम रखते ही उनके पीछे सीबीआई लगी थी।
2013 में प्रकाश करात ने कहा था कि कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग करती है। यूपीए सरकार के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है जो मालिक की आवाज में बोलता है।
8. संविधान का राग विपक्ष पर शोभा नहीं देता
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने दो दिन में कई वरिष्ठ नेताओं की बात सुनी, पूरे देश को निराशा हुई। कहा गया कि ये पहला चुनाव था जिसमें संविधान की रक्षा का मुद्दा था। क्या आप 1977 का चुनाव भूल गए? तब अखबार रेडियो बंद थे और देश ने संविधान की रक्षा के लिए वोट दिया था।
आपातकाल को मैंने करीब से देखा है, लोगों को प्रताड़ित किया गया। लोकसभा का कार्यकाल 5 साल है, लेकिन तब 7 साल चलाया गया। यह कौन सा संविधान है। दर्जनों आर्टिकल यानी संविधान की आत्मा को छिन्न-भिन्न करने का काम इन लोगों ने उस काल खंड में किया। आपके मुंह में संविधान की रक्षा शब्द अच्छा नहीं लगता।
9. महिलाओं को सशक्त किया
हम विमेन लेड डेवलपमेंट की बात करते हैं तो विश्व के नेता चौंक जाते हैं। महिलाओं का योगदान भारत की विकास यात्रा में दिखता है। टॉयलेट, सैनिटरी पेड, गैस कनेक्शन का फायदा देश को मिला है।
हमने जो 4 करोड़ घर बनाए हैं, उनमें से ज्यादातर महिलाओं के नाम कराए। सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं से महिलाओं की भूमिका भी बढ़ी है, हिस्सेदारी भी बढ़ी है। महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा, उनकी आय भी बढ़ी। नई तकनीक महिलाओं के नसीब में आखिर में आती है, हमारा लक्ष्य है, कि नई तकनीक पहले महिलाओं के हाथ लगे। नमो ड्रोन योजना इसका उदाहरण है।
10. सरकार के काम, विकास पर जनता की मुहर
मोदी ने कहा, आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए निर्णायक हैं। जब देश दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनेगा तो इसका लाभ और प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर दिखाई देने वाला है। विकास के अनेक अवसर मिलने वाले हैं। आने वाले कालखंड में हम नए स्टार्टअप और नई कंपनियों को देख रहे हैं।
हमने एमएसपी से किसानों को लाभ पहुंचाया। बीज से बाजार तक हमने किसानों के लिए हर व्यवस्था को मजबूत किया। हमारी नीतियों के कारण किसान क्रेडिट कार्ड के विस्तार के कारण हमने किसानी को व्यापक स्वरूप में देखा है। किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मछुआरों को भी मुहैया कराया।
हमारे टियर 2 और टियर 3 शहरों का विकास होने वाला है। आने वाले 5 साल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में तेजी से बदलाव आने वाला है। इसका लाभ लोगों को मिले, हम इस दिशा में बढ़ना चाहते हैं।